अनशन में बैठे-बैठे ही प्राण त्याग देंगे

समाजसेवी अन्ना हजारे का कहना है कि अब वह और इंतजार नहीं करेंगे। सरकार को सभी मांगों को मानना ही होगा। इसके लिए वह एक बार फिर देश की जनता के साथ खड़े होने वाले हैं। अन्ना का कहना है कि आगामी 23 मार्च से दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन उनकी जिंदगी का आखिरी होगा। अगर सरकार किसानों को कर्ज मुक्त बनाने और लोकपाल बिल पारित कराने की मांग नहीं मानेगी तो वह अपने प्राण अनशन में बैठे-बैठे ही त्याग देंगे।

भाजपा कांग्रेस सरकार से ज्यादा खतरनाक

अन्ना का कहना है कि वर्तमान में केंद्र में में बैठी भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार से ज्यादा खतरनाक है। यह सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की है। इसे किसानों की कोई फिकर नही है। अब देखना यह है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में यह अन्ना हजारे का आखिरी आंदोलन होगा। सरकार उनके इस आंदोलन पर क्या फैसला लेगी। बतादें कि अन्ना हजारे इसके पहले कई बड़े आंदोलन कर चुके हैं।

आंदोलनो से सरकार की नींद उड़ाने वाले अन्‍ना का क्‍या ये होगा आख‍िरी आंदोलन,यहां पढ़ें

कई आंदोलनों से सरकार की नींद उड़ा चुके

15 जून 1938 को महाराष्ट्र में जन्में अन्ना हजारे अपने कई आंदोलनों से सरकार की नींद उड़ा चुके हैं। पहले भी लोकपाल बिल के लिए किया गया आंदोलन इनमें से एक है। एक समाज सेवी के रूप में इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश और समाज की सेवा में लगा दिया है। अन्ना हजारे का असली नाम किसन बाबुराव हजारे है। अन्ना ने बचपन में बहुत गरीबी देखी है।

देशवासियों के हक के तत्परता से खड़े रहते

छ भाइयो में सबसे बड़ा होने के कारण उन्होंने काफी कम समय में ही परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ अपने ऊपर उठा लिया था। 60 के दशक में अन्ना हजारे को सेना में ड्राइवर की नौकरी मिली थी। नौकरी के दौरान ही उन्होंने देश के लिए कुछ करने व देशवासियों के हक के लिए लड़ने का निश्चय किया था। ऐसे में आज वह देशवासियों के हक के तत्परता से खड़े रहते हैं।

कुलभूषण से मिलने पहुंची मां-पत्नी, पाक था तैयार लेकिन ICJ ने रोक दी थी फांसी, जाने क्यों

National News inextlive from India News Desk