-28 को पीएम मोदी को करनी थी समीक्षा, पीडि़त ने सीधे पीएम से की थी शिकायत

-सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ। अभिजीत चंद्रा पर है आरोप

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LUCKNOW: केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के एचओडी के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस की जांच के लिए गठित कमेटी को हर हाल में चार दिसंबर से पहले अपनी रिपोर्ट देनी होगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने केजीएमयू के रजिस्ट्रार को यह निर्देश दिए हैं।

कार्रवाई की दें जानकारी

चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से केजीएमयू के रजिस्ट्रार को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में प्रोफेसर व एचओडी डॉ। अभिजीत चंद्रा के विरुद्ध शशिकांत मिश्रा द्वारा की गई शिकायत के संबंध में आख्या उपलब्ध कराई गई है। इस संबंध में गठित समिति की आख्या और की गई कार्रवाई चार दिसंबर तक शासन को उपलब्ध कराएं।

यह था मामला

कुशीनगर निवासी शशिकांत मिश्रा ने केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डॉ। अभिजीत चंद्रा पर मरीज को घर बुलाकर जांच के लिए अतिरिक्त रुपए लेने का आरोप लगाया था। शिकायत सीधे पीएम मोदी से की थी। पीएम को 28 नवंबर को मामले की समीक्षा भी करनी थी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूपी सरकार से जवाब तलब किया था।

गठित की थी कमेटी

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव मनोज झलानी ने यूपी के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण प्रशांत त्रिवेदी को भेजे पत्र में कहा था कि शिकायत की प्रगति की पीएम 28 नवंबर को समीक्षा करेंगे। जिसके बाद शासन ने केजीएमयू से आख्या तलब की थी। जिसके जवाब में केजीएमयू के रजिस्ट्रार ने 27 नवंबर को भेजे गए पत्र में कहा था कि मामले में शासनादेश के तहत शशिकांत मिश्रा से शपथ पत्र पर ससाक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा गया था। शशिकांत मिश्रा ने पत्र से मूलरूप में साक्ष्यों की छायाप्रतियों को उपलब्ध कराया है।

कमेटी गठित, जांच नहीं

केजीएमयू के रजिस्ट्रार ने शासन को लिखे पत्र में कहा था कि शिकायत की जांच के लिए 24 अक्टूबर को ही पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए साक्ष्यों को जांच समिति के सामने रखा गया था। जांच समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों का परीक्षण व सत्यापन करते हुए जांच की कार्रवाई की जा रही है। जांच कमेटी में सीएमएस डॉ। एसएन शंखवार (चेयरमैन), प्रो। एके सक्सेना, प्रो। एनएस वर्मा, प्रो। यूबी मिश्रा और रजिस्ट्रार राजेश कुमार राय (मेंबर सेक्रेटरी) शामिल हैं।

एक माह में नहीं कर सके जांच

पीएम की चौखट में शिकायत से एक माह पहले ही जांच कमेटी गठित की गई थी। लेकिन समिति अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी। जिसके कारण ही मामला पीएम तक पहुंच गया।

कोट-

मामले में जांच समिति जांच कर रही है। रिपार्ट आते ही शासन को उपलब्ध करा दी जाएगी।

डॉ। संतोष कुमार, मीडिया प्रभारी, केजीएमयू