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KANPUR: कानपुर का दूसरा दिन भी Anti CAA Protest के नाम पर हिंसात्‍मक रहा। दोनों मृतकों को 50 लाख मुआवजा और हिरासत में लिए गए लोगों को छोडऩे की मांग पूरी होने के बाद भी भीड़ ने अराजकता का तांडव किया। भीड़ ने पुलिस की 5 गाडिय़ों में आग, लगा दी। उपद्रवियों की फायरिंग में एक सिपाही भी घायल हुआ है। पुलिस और प्रशासन को पूरे दिन गुमराह करने का प्रयास किया जाता रहा। नमाज होते ही पुलिस और प्रशासन की पूरी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। देर शाम तक उपद्रवी फायरिंग और पथराव करते रहे।

कई पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी हुए घायल
हिरासत में लिए गए 8 लोगों को छोडऩे के बाद ही भीड़ ने नारेबाजी के साथ ही भीषण पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद उपद्रवियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी को निशाना बनाते हुए पुलिस की 4 गाडिय़ों में आग लगा दी। इसके बाद भी उपद्रवी नहीं माने और फोर्स और मीडिया के ऊपर घरों से पथराव शुरू कर दिया। जिसमें 4 पुलिस कर्मियों समेत 2 मीडिया कर्मी भी घायल हो गए। देर शाम उपद्रवियों ने पुलिसकर्मी अर्पित को गोली मार दी। हैलट में उसका इलाज चल रहा है।

गलियों से निकले उपद्रवी
यतीमखाना से जुड़े बेकनगंज, तलाक मोहाल, कायस्थाना रोड और साइकिल वाली गली से उपद्रवी निकल-निकल कर पथराव करते रहे। तलाक मोहाल में भी पुलिस और उपद्रवियों के बीच हिंसक झड़प हुई। बावजूद इसके कायास्थाना रोड पर हजारों की संख्या में उपद्रवी डटे रहे। भैंसिया हाता से उपद्रवियों ने निकलकर भीषण पथराव किया। वहीं लाइट न आने का फायदा भी उपद्रवियों ने खूब उठाया और रह-रहकर पथराव करते रहे।

anti caa protest in kanpur: कानपुर में दूसरे दिन भी भड़की हिंसा,पुलिस की गाडि़यां फूंकी,फायरिंग में सिपाही घायल

इस बार भी दिखी प्लानिंग
बवाल के दूसरे दिन भी बड़े ही ऑर्गनाइज तरीके से उपद्रवियों ने अपना काम किया। गलियों में घुसने से पुलिस को रोकने के लिए घरों में पत्थर के साथ रास्तों में भी खटारा गाडिय़ों को डाल दिया गया। जिससे वाहन आगे न बढ़ सकें। पुलिस को भी पूरा यकीन है कि बवाल का मास्टरमांइड दादा मियां हाते में छिपा हुआ है। जो पूरे बवाल को मैनेज कर रहा है।

परेड की ओर नहीं बढ़ने दिया
शाम 4.22 बजे से शुरू होने बवाल की भनक पहले ही पुलिस को लग गई थी। इसको देखते हुए एडीजी प्रेम प्रकाश ने यतीमखाना चौराहे पर पीएसी के ट्रकों को खड़ा कर रास्ते बंद करवा दिए, जिससे उपद्रवी भीड़ परेड चौराहे की तरफ नहीं बढ़ सकी। पुलिस ने भीड़ को एकत्र होने से पहले ही चेतावनी देना शुरू कर दिया था।

गुमराह करने का होता रहा प्रयास
पुलिस और प्रशासन को पूरे दिन गुमराह करने का प्रयास किया जाता रहा। अलग- अलग अफवाहों के जरिए पुलिस को गलत जानकारियां बुजुर्ग और एस-10 कमेटी के लोग देते रहे। नमाज होते ही पुलिस और प्रशासन की पूरी तैयारियां धरी की धरी रह गईं।

सुबह से शुरू हो गई थी तैयारी
सैटरडे मॉर्निंग से ही 50 से 100 लोगों की टुकड़ी में युवा घूम-घूमकर नारेबाजी कर रहे थे। साइकिल मार्केट में दुकानों को बंद कराने का प्रयास भी किया गया। पुलिस इनको मॉनिटर कर रही थी, लेकिन रोकने की हिम्मत नहीं दिखा पाई। नारेबाजी शुरू कर दी। एडीएम सिटी विवेक श्रीवास्तव और एसपी पूर्वी राजकुमार ने फोर्स के साथ उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।

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