-विकास भवन में डीपीआरओ से फाइल सेटलमेंट कराने के नाम पर ले रहा था 25 हजार

-तलाशी के दौरान जेबों में मिले 84 हजार, बोला- भाई के इंगेजमेंट के लिए रखे थे रुपए

बरेली: विकास भवन में फ्राइडे को एक बड़ा खेल उजागर हुआ। विकास भवन के शिकायती विभाग में तैनात हेड क्लर्क को एंटी करप्शन की टीम ने 25 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। साथ ही टीम को तलाशी के दौरान हेड क्लर्क की जेबों में 84 हजार रुपए मिले हैं। पता चला है कि हेड क्लर्क डीपाआरओ यानि जिला पंचायत राज से फाइल सेटलमेंट कराने के नाम पर रिश्वत ले रहा है। एंटी करप्शन टीम ने फिलहाल रुपए का हिसाब न देने पर जब्त कर लिए हैं और हेड क्लर्क को अरेस्ट कर लिया है। साथ ही बारादरी थाने में केस फाइल करा दिया है।

ऐसा खुला मामला

नौरंगपुर के प्रधान मुनेश पाल सिंह द्वारा कराए गए विकास कार्यो की शिकायत गांव के ही विजेंद्र पाल ने डीएम वीरेन्द्र कुमार सिंह से की थी, जिस पर डीएम ने डीपीआरओ चंद्रिका प्रसाद को जांच को आदेश दिए थे। लेकिन तभी प्रधान ने 21 सितंबर को एंटी करप्शन टीम से हेड क्लर्क प्रेम पाल द्वारा मामला सेटलमेंट कराने के मांग पर रिश्वत मांगने की शिकायत कर दी, जिस पर एंटी करप्शन टीम ने फ्राइडे को स्टिंग कर प्रधान के भाई रमेश सिंह को 25 हजार रुपए देकर भेज दिया। इस दौरान टीम ने सारी बातचीत सुनी और 25 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

आधा काम होने के बाद

एंटी करप्शन टीम के मुताबिक आरोपी पे्रम पाल सिंह ने फाइल सेटलमेंट के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की थी। साथ ही इसमें उसकी शर्त थी कि काम होने के पहले 25 हजार रुपए और बाकी बचे 25 हजार रुपए वह काम होने के बाद लेगा।

लगातार कर रहा था डिमांड

प्रधान का कहना है कि हेड क्लर्क लगातार रुपए की डिमांड कर रहा था जिससे परेशान होकर उसने एंटी करप्शन टीम को सारी बात बता दी। वहीं प्रधान ने बताया कि हेड क्लर्क का खेल उजागर करने के लिए उसने एंटी करप्शन टीम का पूरा साथ दिया। यहां तक कि रिश्वत की रकम के लिए उसे पत्नी के लॉकेट को गिरवी रख दिया।

हेड क्लर्क ने उठाए सवाल

एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़े जाने के बाद हेड क्लर्क प्रेमपाल के कोई सिकन नहीं थी। उल्टा उसने एंटी करप्शन की टीम की कार्रवाई पर ही सवाल कर दिए। उसका कहना था कि उसने प्रधान के भाई से 25 हजार रुपये रिश्वत नहीं ली। वहीं जेबों से मिले 84 हजार रुपये पर उसने बताया कि भतीजे के इंगेजमेंट का सामान खरीदने के लिए उसने रुपए रखे थे। कहा कि एंटी करप्शन टीम ने मुझसे कुछ पूछ ही नहीं रहे, वह सिर्फ डांट-फटकार रहे हैं।

विकास भवन में मचा हड़कंप

जिस समय एंटी करप्शन की टीम ने स्टिंग कर हेड क्लर्क को पकड़ा, उस समय विकास भवन के हॉल में सीडीओ सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे। टीम ने जैसे ही बाबू को दबोचा तो हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी डीपीआरओ को लगने के बाद उन्होंने ऑफिस में ताला लगवा दिया। जबकि अन्य कर्मचारी अपने अभिलेख दुरूस्त करने में लग गए।

खंगाली जा सकती प्रॉपटी डिटेल

एंटी करप्शन टीम को भनक लगी कि गिरफ्तार किए गए हेड क्लर्क के पास काफी प्रॉपर्टी है, जो रिश्वत लेकर बनाई गई है। चर्चा है कि टीम बाबू की संपत्तियों की भी जांच कर सकती है।

पहले से चर्चा में था बाबू

रिश्वत लेते पकड़े गए बाबू पहले से ही चर्चा में था। वह डीपीआरओ ऑफिस में शिकायती पत्रों के पटल को संभालता था। कार्रवाई के बाद लोगों ने यहां तक कहा कि वह इसके पहले भी प्रधानों से विवाद कर चुका है। जिसपर पैसे लेने के भी आरोप लगे थे, हालांकि किसी ने इसकी शिकायत नहीं की थी।