- गांव में भी एयर पॉल्यूशन कम करने को डेवलप किया चूल्हा

- आईआईटी में केयर फॉर एयर टॉपिक पर एक्सपर्ट ने की चर्चा

KANPUR: सिटी की आबोहवा साफ रखने के लिए टेक्नोक्रेट्स ने एंटी पॉल्यूशन टॉवर डेवलप किया है। इस टावर की खास बात यह है कि धूल, धुआं के साथ माइक्रो पार्टिकल्स को भी अपनी जद मे ले लेगा। काबर्न कटर टेक्नोलॉजी ने इस टॉवर को डेवलप किया है। यह एंटी पॉल्यूशन टॉवर अल्ट्राफाइन पार्टिकल्स व नैनो पार्टिकल्स को शेक करेगा। जैसे ही टॉवर को वेस्ट बॉक्स फुल हो जाएगा वैसे ही कंट्रोल रूम में मैसेज भेज देगा।

बिना किसी मेंटीनेंस के चलेगा

यह जानकारी आईआईटी में आयोजित नेशनल एयर पॉल्यूशन संगोष्ठी में एक्सपर्ट ने दी। यह एंटी पॉल्यूशन टॉवर बिना किसी मेंटीनेंस के चलेगा। इसे कहीं भी लगाया जा सकता है। इसे बैट्री की मदद से भी चलाया जा सकता है। इसके अलावा सौर ऊर्जा से यह चल जाएगा। हवा में किसी भी तरह का पॉल्यूशन होगा उसे यह खींच लेगा और वातावरण को साफ बनाए रखेगा।

पॉल्यूशन रहित चूल्हा भी डेवलप किया

देश के रूरल एरिया में अभी भी चूल्हे में खाना बनाया जाता है। जिसकी वजह से वहां पर एयर पॉल्यूशन हो रहा है। इसे खत्म करने के लिए आईआईटी मुंबई के आर आर सोंडे ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप की है। जिसमें कि रूरल एरिया में भी एयर पॉल्यूशन न हो। बगास व भूसा से ऑयल बनाया जाएगा, इसी आयल से चूल्हा जलेगा जिसमें कि किसी भी प्रकार का पॉल्यूशन नहीं होगा। आईआईटी कानपुर को 50 चूल्हे दिये जाएंगे जो कि गोद लिए गांव में देंगे। उसका आयल आईआईटी के स्टूडेंट्स बनाएंगे जिसकी टेक्नोलॉजी उन्हें बताई जाएगी।

सेन्ट्रल गवर्नमेंट का क्लीन एयर पर फोकस

संगोष्ठी में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर डॉ। अरविन्द मित्रा ने कहा कि एयर पॉल्यूशन को लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट काफी गंभीर है। क्लीन एयर को लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट देश में प्लान चला रही है। लेकिन हवा को साफ करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। किसी एक के भरोसे पॉल्यूशन खत्म नहीं किया जा सकता है। स्टेट व सेंट्रल गवर्नमेंट की सभी एजेंसीज को काम करना चाहिए।

आम लोग भी एयर पॉल्यूशन पर वर्क करें

प्रोग्राम का इनॉग्रेशन कमिश्नर कानपुर जोन सुभाष चन्द्र शर्मा व डॉ। मित्रा, आईआईटी डायरेक्टर प्रो अभय करंदीकर ने कया। कमिश्नर ने कहा कि डेवलपमेंट की वजह से भी एयर पॉल्यूशन होता है। इसके लिए सभी गवर्नमेंट एजेंसीज को एक दूसरे से तालमेल बिठाकर काम करना चाहिए। इंस्टीट्यूट के प्रो। एस एस त्रिपाठी ने लो कास्ट सेंसर टेक्नोलॉजी के बारे में अहम जानकारी दी। आईआईटी के पूर्व छात्रों की पहल का सभी ने वेलकम किया। इस अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर प्रो मणीन्द्र अग्रवाल, प्रदीप भार्गव, इरफान पठान मौजूद रहे।