- शुरूआत में 920 पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती

- अभी तक सिविल पुलिस की लेनी होती है हेल्प

आगरा। बिजली चोरी रोकने को प्रस्तावित एंटी पॉवर थेफ्ट थाने जल्द ही धरातल पर आ सकेंगे। यूपी पावर कॉरपोरेशन को 10 थानों में तैनाती के लिए 920 पुलिसकर्मियों का स्टाफ प्राप्त हो चुका है। इनकी तैनाती दो वर्ष के लिए रहेगी। जल्द ही स्टाफ का आवंटन कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि अब तक तक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (डीवीवीएनएल)में विजिलेंस की टीमों द्वारा बिजली चोरी रोकने को कार्रवाई की जाती थी।

पॉवर कॉरपोरेशन करेगा खर्च वहन

एंटी पॉवर थेफ्ट थानों में जो स्टाफ रखा जाएगा, उसका खर्च यूपी पॉवर कॉरपोरेशन वहन करेगा। बता दें, प्रदेश में 75 जिलों में एंटी पॉवर थेफ्ट थाने खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए 2050 पद सृजित किए गए थे। इसमें 1950 पद एंटी पॉवर थेफ्ट थानों के लिए, 100 पद थानों के पर्यवेक्षण, कंट्रोल और स्टाफ रूम के लिए सृजित किए गए हैं।

गत वर्ष बिजली चोरी में दर्ज किए गए थे 392 मामले

गत वर्ष जिले में बिजली चोरी में 392 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें सेक्शन 135 और 138 दोनों के मामले ज्यादा थे। डीवीवीएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो जिले में पांच सब स्टेशनों पर सर्वाधिक बिजली चोरी की जाती है। जिले में वर्ष 2018 में सेक्शन 135 में 1.32 करोड़ और सेक्शन 138 में 7.80 करोड़ की वसूली की गई थी।

इतना मिला स्टाफ

इंस्पेक्टर:: 10

सब इंस्पेक्टर:: 190

हेड कॉन्स्टेबल::: 360

कॉन्स्टेबल::360

आगरा से 21 जिलों की मॉनीटरिंग

विद्युत अधिनियम 2003 में किए गए प्रावधान

- सेक्शन 135: ये विद्युत चोरी का सेक्शन है। इस सेक्शन के अन्तर्गत दोषी को तीन वर्ष की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

- सेक्शन 138: ये सेक्शन मीटर बाइपास कर रीकनेक्शन से बिजली चोरी करना है। इस सेक्शन के अन्तर्गत दोषी को तीन वर्ष का सजा का प्रावधान है।

- सेक्शन 126: इस सेक्शन के अन्तर्गत विद्युत का अनाधिकृत प्रयोग व सार्वजनिक विद्युत लैम्पों को क्षति पहुंचाने पर इसके तहत कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा सेक्शन 139, 140, 141 के तहत विद्युत के उत्पादन, पारेषण, वितरण से सम्बन्धित कार्य को अनाधिकृत रुप से करना दंडनीय अपराध है।

क्या कहते हैं अधिकारी

जिले में बिजली चोरी रोकने को एंटी पॉवर थेफ्ट थाना खोला जाना प्रस्तावित है। इसमें यूपी पावर कॉरपोरेशन को स्टाफ मिल चुका है। अभी जिलों में इसका आवंटन नहीं हुआ है। आवंटन के बाद पता लगेगा कि कितना स्टाफ मिलेगा। यहां तो मुख्यालय है।

एनके चौधरी चीफ इंजीनियर डीवीवीएनएल