- योगी सरकार के कमान संभालते ही 1090 में शिकायतों की संख्या में इजाफा

- शिकायतों की तादाद बढ़ती देख बढ़ाई गई 10 कॉल टेकर्स, काउंसलर्स भी बढ़े

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW:

एंटी रोमियो स्क्वायड सड़क पर क्या उतरा, शोहदों ने मैदान छोड़ना मुनासिब समझा। पर, यह न समझ लीजिएगा कि उन्होंने अपनी करतूतों से तौबा कर ली। वे अब फोन पर चालू हो गए हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि, वूमेन पावर लाइन के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। इन आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि योगी सरकार के शुरुआती दो महीनों में टेलीफोनिक छेड़खानी की शिकायतों में जोरदार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। अचानक शिकायतों में आई बढ़ोत्तरी को देखते हुए वूमेन पावर लाइन को कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ानी पड़ी। हालांकि, मई महीने में शिकायतों की तादाद में मामूली कमी भी देखी जा रही है। पर, यह कमी आने वाले महीनों में क्या दिशा पकड़ेगी यह अभी देखने वाली बात होगी।

तोड़ दिया रिकॉर्ड

15 नवंबर 2012 को वूमेन पावर लाइन की शुरुआत से मई 2017 तक कुल 7 लाख 62 हजार 95 शिकायतें दर्ज की गई। यानि कि अगर इन 54 महीनों का औसत निकाला जाए तो हर महीने औसतन 14 हजार से कुछ ज्यादा शिकायत दर्ज की गई। कुछ महीनों में यह आंकड़ा 19 हजार से कुछ ऊपर तक भी पहुंचा। पर, योगी सरकार के कमान संभालते ही मार्च 2015 में शिकायतों के आंकड़े ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस महीने में 1090 वूमेन पावरलाइन में कुल 22 हजार 639 शिकायतें दर्ज की गई। यह संख्या स्थापना के बाद किसी भी महीने में सबसे अधिक थी। गौरतलब है कि इस महीने में योगी सरकार गठित हो चुकी थी और एंटी रोमियो स्क्वायड प्रदेश की सड़कों पर उतर चुका था। सरकार के दूसरे महीने यानि अप्रैल में भी शिकायतों में बढ़ोत्तरी जारी रही। इस महीने में पावर लाइन को कुल 21 हजार 109 शिकायतें मिलीं। हालांकि, राहत की बात यह है कि मई महीने में यह संख्या घटकर 17799 पर आ टिकी। शिकायतों की बढ़ती तादाद को देखते हुए पावर लाइन में 10 कॉल टेकर्स (शिकायत दर्ज करने वाली महिला ऑपरेटर) की बढ़ोत्तरी की गई।

लखनऊ फिर नंबर 1

स्थापना के बाद से ही टेलीफोनिक छेड़खानी की शिकायतों में पहली पायदान पर अपनी जगह बनाए रखने वाले लखनऊ ने इस साल के शुरुआती पांच महीनों में भी अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। वर्ष 2017 में जनवरी से लेकर मई तक वूमेन पावर लाइन में कुल 1 लाख 966 शिकायतें दर्ज हुई। इनमें से अकेले लखनऊ की पीडि़ताओं ने 15 हजार 54 शिकायतें दर्ज कराई थीं। दूसरा नंबर कानपुर का रहा जहां से 4512 शिकायतें, गोरखपुर से 3179, जौनपुर से 2694 और सीतापुर से 2292 शिकायतें दर्ज की गई। गौरतलब है कि टॉप 5 की लिस्ट में जौनपुर और सीतापुर ने पहली बार अपनी जगह बनाई। अमूमन अब तक मेट्रो सिटी माने जाने वाले प्रदेश के महानगरों से इस तरह की शिकायतें ज्यादा दर्ज की जाती थीं। वहीं, कम शिकायतों की बात करें तो बहराइच से लगे श्रावस्ती में सबसे कम 172 शिकायतें दर्ज की गई। जबकि, ललितपुर से 221, चित्रकूट से 355, कौशांबी से 358 और महोबा से 376 शिकायतें ही दर्ज की गई हैं।

बॉक्स

कुल शिकायतें: 1,00,966

निस्तारित: 90,436

पेंडिंग: 10,533

टॉप 5 जिले

जिला शिकायतें

1. लखनऊ- 15054

2. कानपुर नगर 4512

3. गोरखपुर 3179

4. जौनपुर 2694

5. सीतापुर 2292