एक नए अध्ययन में हुआ इसका खुलासा

टीसीसी ट्राइक्लोरोकार्बन वाले जीवाणुरोधी साबुन का प्रयोग गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिला की संतान के लिए हानिकारक हो सकता है।  जीवाणु-रोधी साबुन गर्भवती महिलाओं की संतान के पेट के जीवाणुओं और अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं की संरचना गट माइक्रोबायोटा में परिवर्तन कर सकता है। एक नए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। यह शोध अमेरिका के बॉस्टन में एंडोक्राइन सोसाइटी की 98वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत हुआ है।

इन गंभीर बीमारियों का होता है जन्म

शोध के दौरान जीवाणुरोधी साबुन और उसमें उपयोग होने वाले रसायनों को संतान के लिए हानिकारक माना गया है। आहारनाल के माइक्रोबायोटा में लाभकारी और हानिकारक दोनों प्रकार के जीवाणुओं का समावेश होता है। इसकी संरचना में होने वाला परिवर्तन मोटापा, मधुमेह, आंत का रोग, पेट का कैंसर और अस्थमा जैसे रोगों का कारण हो सकता है।

गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए खास ध्यान

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेनेसी में इस अध्ययन की मुख्य लेखिका रेबेका केनेडी ने बताया गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई जीवाणुरोधी व्यक्तिगत देखभाल वाले उत्पादों का सामान्यत: उपयोग करने की सलाह दी जाती है। हमारे शोध निष्कर्षो से सामने आया है कि चिकित्सीय परामर्श के बगैर गर्भवती महिलाओं को इन उत्पादों से बचना चाहिए।

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