- पिछले एक साल में कितनी महिलाओं को लगे टीके, विभाग को नही पता

- वही महिलाओं से जिम्मेदार मंाग रहे सुविधा शुल्क

फैक्ट एंड फिगर

वर्ष 2017 में लगे अंतरा इंजेक्शन - 700

वर्ष 2018 में लगे इंजेक्शन - 556

वर्ष 2019 में लगे इंजेक्शन अब तक - 120

ये भी जानें

3 महीने के अंतर पर लगवाना होता है अंतरा इंजेक्शन

100 रुपए लाभार्थी महिला को दिए जाते हैं

1 छाया टेबलेट एक सप्ताह के अंतर पर खानी होती है

7 सेंटर्स इंजेक्शन लगाने के लिए शहर में बने

केस 1

मीरा की पैठ निवासी कुसुम ने बताया कि उसने बरादरी स्थित सेंटर पर अंतरा इंजेक्शन लगवाया, इस दौरान उसे 100 रुपये तो दूर कार्ड तक नहीं दिया गया। दूसरी बार इंजेक्शन लगवाने के लिए जब वह सेंटर गई तो उससे कार्ड देने केनाम पर 200 रुपये की मांग की गई।

केस 2

सुभाषनगर के मढ़ीनाथ निवासी दीप्ती ने बताया कि उसने तीन माह पहले पहली बार महिला हॉस्पिटल में जाकर अंतरा इंजेक्शन लगवाया। स्टाफ ने अगली बार अपने नजदीकी सेंटर पर ही इलेक्शन लगवाने और वहीं से कार्ड लेने की बात कही। जब वह दूसरा इंजेक्शन लगवाने के लिए मढ़ीनाथ सेंटर पर गई तो उससे कार्ड और इंजेक्शन लगवाने के नाम पर 200 रुपए मांगे गए।

बरेली : ये दोनों मामले तो सिर्फ बानगी हैं। असल में गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन लगाने के लिए शहर में बनाए गए सेंटर्स पर महिलाओं के साथ रुपए वसूलने का खेल डेली हो रहा है। बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए वर्ष 2017 में अंतरा-छाया योजना को लागू किया गया था। फैमिली प्लानिंग केलिए छाया टेबलेट और अंतरा इंजेक्शन अब तक सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध फैमिली प्लानिंग अन्य विकल्प से काफी बेहतर होने के चलते लोगों का रुझान भी इनकी ओर बढ़ा, लेकिन यहां हेल्थ डिपार्टमेंट ने ही इसको पलीता लगा दिया। शहर के सेंटर्स पर महिलाओं को इंजेक्शन लगाने के एवज में उनसे सुविधा शुल्क वसूला जा है, लेकिन जिम्मेदार इससे अनजान बने हुए हैं।

100 रुपए मिलती है प्रोत्साहन राशि

अनचाहे गर्भ को रोकनेच्व बच्चों में पर्याप्त अंतर रखने के लिए यूपी गर्वमेंट की ओर से महिलाओं के लिए फ्री अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट दी जाती है। हॉस्पिटल स्टाफ की ओर से काउंसलिंग के बाद ही महिलाओं को इंजेक्शन लगाया जाता है। वहीं इसका लाभ लेने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 100 रुपये भी दिए जाते हैं।

शहर में बने हैं सात सेंटर

हेल्थ डिपार्टमेंट ने शहर में मढ़ीनाथ, सुभाषनगर, जगतपुर, राजेंद्र नगर समेत सात सेंटर अंतरा-छाया के लिए बनाए हैं। लेकिन वहां इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की बजाए यहां आने वाली महिलाओं से स्टाफ सुविधा शुल्क की मांग करता है।

डाटा तक नहीं दे पाए

हैरत की बात तो यह है कि पिछले छह माह में हर माह कितनी महिलाओं को इंजेक्शन लगे हैं इसका डाटा तक विभाग केपास नहीं है। इसका खुलासा तब हुआ जब शासन ने पिछले 6 माह में हर माह कितनी महिलाओं को इंजेक्शन लगाए गए इसकी रिपोर्ट विभाग से मांगी है। रिपोर्ट सात अगस्त को शासन को भेजनी थी, लेकिन विभाग अब तक रिपोर्ट नहीं भेज सका है।

वर्जन

शासन से अंतरा-छाया योजना का डाटा मांगा गया है। जल्द डाटा भेजा जाएगा। वहीं सेंटरों पर हो रही अनियमितताओं की जानकारी मुझे नहंी थी, अगर ऐसा किया जा रहा है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एपीएस राठौर, को-ऑर्डिनेटर, परिवार नियोजन