मुंबई (मिड-डे)। डायरेक्टर तुषार हिरानंदानी ने हमें यह कहकर सरप्राइज कर दिया कि 'टाइटल के तौर पर मुझे वुमनिया बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था।' बता दें कि कुछ महीने पहले ही फिल्ममेकर अनुराग कश्यप की अपनी मूवी के प्रोड्यूसर प्रीतिश नंदी से तना-तनी हो गई थी, क्योंकि मूवी का टाइटल तय करने का हक प्रीतिश के पास था। अनुराग को लगा था कि देश की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर्स चंद्रो और प्रकाशी तोमर पर बन रही मूवी का नाम वुमनिया बेस्ट रहेगा। हालांकि, थोड़ी बहस के बाद उन्होंने तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर स्टारर मूवी का टाइटल सांड की आंख कर दिया।

स्क्रिप्ट सुनी तब हुए राजी

पहली बार मूवी डायरेक्ट करने वाले तुषार ने बताया, 'अनुराग और तापसी को वुमनिया पसंद था। मैं हमेशा से सांड की आंख चाहता था। जब मैंने अनुराग को नया टाइटल बताया तो उन्होंने मुझे डाउटफुल तरीके से देखा पर जब मैंने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई तो उन्हें एहसास हुआ कि यही टाइटल बेस्ट रहेगा।' अनुराग की मूवी गैंग्स ऑफ वासेपुर से निकले 'वुमनिया' टाइटल की मास अपील से यह डायरेक्टर अच्छी तरह वाकिफ था पर उनका कहना है कि सांड की आंख उनकी मूवी पर ज्यादा सूट करता है।

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'वुमनिया' की हो ही गई एंट्री

तुषार के मुताबिक, 'मेरी मूवी महज फेमिनिज्म के बारे में नहीं है। यह इंसानों की फाइटिंग स्पिरिट के बारे में है। मेरा मानना है कि तन बुड्ढा होता है, पर मन बुड्ढा नहीं होता। वे महिलाएं उस उम्र में खड़ी हुईं और उन्होंने यंग लड़कियों को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद की। मेरे राइटर जयदीप सिद्धू ने इसे खूबसूरती से डायलॉग्स में बुना है।' बता दें कि मूवी का टाइटल भले ही वुमनिया न रख गया हो पर इसमें इस टाइटल वाला एक गाना जरूर है।

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