-मार्केट में सेब से महंगा बिक रहा प्याज,

होटल-ढाबों में वसूला जा रहा सलाद का अलग से दाम

जिस प्याज को काटते समय आंखों से आंसू निकलता है इस दिनों खरीदने में लोग में रो रहे हैं। प्याज सेव से भी महंगा बिक रहा है। एक महीने पहले 100 रुपये प्रति किलो बिकने वाला सेब अब 50-60 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। जबकि अप्रैल-मई में 15 से 20 रुपये तक बिकने वाला प्याज इन दिनों 60-80 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। बढ़ती कीमतों का असर है कि होटल व ढाबों में सलाद से प्याज गायब है। कुछ रेस्टोरेंट्स में तो सलाद का अलग से दाम तक वसूला जा रहा है।

बारिश ने किया नुकसान

महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश ने नई फसल की आवक को प्रभावित किया है। पहडि़या मंडी में प्याज नासिक, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र से रोजाना दस से 12 ट्रक प्याज आता था। बारिश के कारण इनकी संख्या आधी हो गयी है। बारिश की वजह से किसान खेतों से प्याज नहीं निकाल पा रहे हैं। वहीं बाढ़ की वजह से रास्ते बंद होने से प्याज लदे वाहन पहडि़या मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं। हालात सुधरने में अभी वक्त लगेगा। आशंका है कि अक्टूबर में भी प्याज का दाम चढ़ा रहेगा।

हो रही जमाखोरी

प्याज के नाम पर मार्केट में खेल भी चल रहा है। आशंका है कि दाम बढ़ाने के लिए जमाखोरी शुरू हो गयी है।

फुटकर कारोबारी महंगाई का हौव्वा दिखाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। जबकि पहाडि़या मंडी में ऐसी कोई बात नहीं है। वहां खुद व्यापारी स्वीकार करते हैं कि मार्केट में बहुत ज्यादा हौव्वा बना दिया गया है। ठेले फेरी से सब्जी बेचने वाले तो 70 से 80 रुपये प्रति किलो में प्याज बेच दे रहे हैं।

-23 सितंबर को प्याज का औसत भाव प्रति कुंतल 3500 से 4200 अब तक सबसे अधिक रहा

-17 सितंबर से 22 सितंबर तक 2500 से 3500 तक प्रति कुंतल के भाव में प्याज बिका था

-फुटकर बाजार में दाम 60 रुपये प्रति किलो प्याज बिक रहा है

-24 सितंबर को सात रुपये क्विंटल की गिरावट आई

-50 से 60 रुपये प्रति किलो में बिक रहा सेव

बारिश न हुई तो 15 से 20 दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे। नई फसल भी बाजार में जल्द ही आने वाली है। सरकार भी अफगानिस्तान से प्याज मंगाने की बात कह रही है।

केके सोनकर, अध्यक्ष

सब्जी व फल विक्रेता एसोसिएशन

पहडि़या

इस समय सेब 50 से 60 रुपये प्रति किलो से शुरू हो रहे हैं। सेब के दाम में गिरावट इधर बीच आई है। यही कारण है कि सेव की बिक्री भी बढ़ गई है।

रतन सोनकर, फल विक्रेता

कमच्छा