नई दिल्ली (आईएएनएस)। फोर्ब्स सूची में शामिल 100 कंपनियों में ऐपल टाॅप ब्रांड बनकर उभरी है। 207.5 बिलियन डाॅलर के साथ गूगल दूसरे नंबर पर है। पिछले साल इसने 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। तीसरे नंबर पर माइक्रोसाॅफ्ट है जिसका ब्रांड मूल्य 163 बिलियन डाॅलर है। यह कंपनी 30 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी दर्ज की है।

लिस्ट में शामिल 50 कंपनियां अमेरिकी

लिस्ट में शामिल दुनिया की 100 सबसे मूल्यवान ब्रांड की कुल कीमत 2.54 ट्रिलियन डाॅलर है। पिछले साल 100 कंपनियों की कुल कीमत 2.33 ट्रिलियन डाॅलर थी। लिस्ट में शामिल आधी यानी 100 में से 50 कंपनियां अमेरिका की है। 20 कंपनियों के साथ टेक्नोलाॅजी सेक्टर लिस्ट में सबसे टाॅप पर अपनी जगह बनाने में सफल रहा।

डिजिटल भुगतान ने बढ़ाई ब्रांड वैल्यू

टेक्नोलाॅजी सेक्टर के बाद 14 कंपनियों के साथ वित्तीय सेवा क्षेत्र दूसरे, 11 कंपनियों के साथ ऑटो सेक्टर तीसरे पायदान और 8 कंपनियों के साथ रिटेल सेक्टर चौथे नंबर पर था। फोर्ब्स ने सोमवार को कहा कि अमेजन, नेटफ्लिक्स और पेपाॅल ने पिछले साल की तुलना में महत्वपूर्ण छलांग लगाई है। ई-काॅमर्स, स्ट्रीमिंग और डिजिटल भुगतान बढ़ने से यह बढ़ोतरी दर्ज की गई।

सूची में नई कंपनियां भी शामिल

फोर्ब्स की सूची में कुछ कंपनियां पहली बार शामिल हुई हैं। जैसे निन्टेंडो, बर्गर किंग, हेन्नेसी और एएक्सए कंपनियां शामिल हैं। रैंकिंग तक पहुंचने में इन्होंने अपना रास्ता बखूबी तय किया है। वहीं फिलिप्स, एचपी, निसान और केलाॅग्स जैसी कंपनियां इस बार सूची से बाहर हो गई हैं। कुछ ब्रांडों की वार्षिक सूची में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

एडिडास 61वें से 51वें पायदान पर

नेटफ्लिक्स 38वें पायदान से 26वें पायदान और एडिडास 61वें से 51वें नंबर पर पहुंच गई है। कुछ लग्जरी ब्रांड ने भी महत्वपूर्ण बदलाव देखने में आया है। चैनल 79वीं से 52वीं रैंक पर और कार्टर 64वहीं से 56वीं रैंक पर पहुंच गया है। कुछ कंपनियाें को घाटा भी हुआ है। जीई की वैल्यू 14 प्रतिशत, एचपी इंक की 12 प्रतिशत और आईबीएम की 10 प्रतिशत ब्रांड वैल्यू गिर गई है।

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