स्टेट गवर्नमेंट का हमेशा से विरोध रहा
सभी छह वीसी और चार प्रोवीसी की अप्वाइंटमेंट एक साथ अगस्त 2011 में हुई थी। सबकी अप्वाइंटमेंट एक साथ होने के अलावा एक और चीज कॉमन थी कि इनकी अप्वाइंटमेंट पर स्टेट गवर्नमेंट का हमेशा से विरोध रहा है। अप्वाइंटमेंट के तुरंत बाद से ये कांट्रोवर्सी में थे। पहले जुबानी जंग शुरू हुई बाद में मामला कोर्ट में चला गया। अब हाईकोर्ट ने सभी की अप्वाइंटमेंट प्रोसीजर को इलीगल करार दे दिया है.

एक महीने में पूरा हो प्रोसीजर
हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस आरएम दोषित और जस्टिस ए। अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले में नया पैनल बनाकर एक महीने में नये सिरे से वीसी और प्रोवीसी की अप्वाइंटमेंट का निर्देश दिया है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा में केमेस्ट्री के एचओडी डॉ। रामतवक्या सिंह और एसएन कालेज, मोतिहारी से रिटायर मैथ्स के प्रोफेसर जनार्दन प्रसाद सिंह ने पीआईएल कर अप्वाइंटमेंट को चुनौती दी थी। पीआईएल में कहा गया था कि अप्वाइंटमेंट का बेस स्टेट गवर्नमेंट और राजभवन का कंसल्टेशन होता है लेकिन इस मामले में कोई कंसल्टेशन हुआ ही नहीं था.

किचकिच नई नहीं
वीसी अप्वाइंटमेंट की किचकिच बिहार में नई नहीं है। इससे पहले मगध यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ। अरविंद कुमार शर्मा और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ। सुभाष प्रसाद सिंह को भी कोर्ट के निर्देश पर हटाया गया है। इन दोनों के अप्वाइंटमेंट के मामले में भी कंसल्टेशन नहीं होने का ही मामला था.

इनकी अप्वाइंटमेंट खतरे में
पटना यूनिवर्सिटी
वीसी - प्रो शंभूनाथ सिंह 
प्रोवीसी - प्रो जेपी सिंह

बीएन मंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा
वीसी - प्रो अरुण कुमार
प्रोवीसी - प्रो पीके वर्मा

मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी यूनिवर्सिटी
वीसी - प्रो शम्सु जोहा
प्रोवीसी - डा एसके जबीन

जयप्रकाश यूनिवर्सिटी, छपरा
वीसी - डा रामविनोद सिंह

बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर
वीसी - डा विमल कुमार

कामेश्वर सिंह संस्कृत यूनिवर्सिटी, दरभंगा
वीसी - प्रो अरविंद कुमार सिंह

ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी
प्रोवीसी - कुमार रेश सिंह


पीयू इलेक्शन पर कोई असर नहीं
वीसी की अप्वाइंटमेंट कैंसिलेशन का मामला पटना यूनिवर्सिटी में भी है, जहां 28 सालों बाद प्रो शंभूनाथ सिंह की पहल पर इलेक्शन की शुरुआत हुई है। इलेक्शन के ठीक पहले वीसी अप्वाइंटमेंट पर मामला अटकने से एकबारगी इलेक्शन प्रॉसेस पर संदेह शुरू हो गया था। लेकिन इलेक्शन कमेटी का कहना है कि इस मामले का इलेक्शन प्रॉसेस पर कोई असर नहीं होगा.