ब्रिटेन की पत्रिका डर्माटोलॉजी में प्रकाशित ये अध्ययन 300 जुड़वां औरतों पर आधारित है।

इसमें ये भी कहा गया है कि इससे स्तन कैंसर के गंभीर ख़तरे की पहचान करने वाले जीपी (जेनरल प्रैक्टिस) में मदद मिलेगी।

लंदन किंग्स कॉलेज के शोधकर्ताओं ने जुड़वा महिलाओं के बड़े समूह का आठ साल तक अध्ययन किया और उनकी त्वचा के प्रकार, शरीर पर मौजूद तिल और चकत्तों के बारे में जानकारी जुटाई।

कॉलेज में ट्विन रिसर्च एंड जेनेटिक एपिडेमियोलॉजी के प्रमुख ऑथर सिमोन रिबेरो का कहना है, "इस खोज से कैंसर के शुरुआती देखभाल में काफ़ी मदद मिलेगी।"

ब्रिटेन में मेलेनोमा से हर साल 13,000 से अधिक लोग प्रभावित होते हैं।

बांह पर 11 तिल,सावधान हो जाइए!

इसी क्रम में 400 पुरुषों और महिलाओं के एक छोटे समूह पर भी अध्ययन किया गया। इसमें त्वचा कैंसर के ख़तरे को जानने के आसान और तेज़ तरीक़ों की जानकारी सामने आई।

ये पाया गया कि अगर महिला की दाहिनी बांह पर सात तिल हैं तो उसे त्वचा कैंसर का ख़तरा पूरे शरीर में 50 तिल होने के ख़तरे से नौ गुना अधिक है।

और यदि दाहिनी बांह पर 11 तिल के निशान हैं, तो पूरे शरीर में 100 तिल होने के मुक़ाबले मेलेनोमा का खतरा सबसे अधिक है।

हालांकि लंदन के कैंसर रिसर्च के हेल्थ इनफॉरमेशन मैनजर डॉ. क्लेयर नाइट का कहना है, "केवल बांहों पर ही ध्यान मत दीजिए- मेलेनोमा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। महिलाओं के पैर और पुरुषों के शरीर के निचले हिस्से में होने के ज़्यादा ख़तरे हैं।"

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