- केवी पंजाब लाइंस में फौज ने मॉक ड्रिल कर दिखाए बचने के तरीके

- स्कूल के सायरन बजते ही बज उठेगी थाने व फौजी कंट्रोल की घंटी

Meerut : स्कूल में खतरे की घंटी के साथ ही सायरन बज उठा। बिना समय गंवाए शिक्षक-शिक्षकों ने बच्चों को एलर्ट करते हुए उन्हें कमरों में बंद करने का सिलसिला शुरू कर दिया। मिनटों में ही फौज का सायरन बजा और अत्याधुनिक हथियारों से लैस सेना के जवानों ने स्कूल को चारों ओर से घेर लिया। सुरक्षा घेरा बनाते हुए वे स्कूल के अंदर घुसे और अलग-अलग कमरों में पहुंचकर बच्चों की सुरक्षित अवस्था की जांच की। गुरुवार सुबह छावनी स्थित केंद्रीय विद्यालय पंजाब लाइंस में यह नजारा देख बाहर खड़े लोगों का दिल दहल उठा। हालांकि यह कोई आतंकी हमला नहीं बल्कि अप्रत्याशित आतंकी हमले से बचने के लिए फौज की ओर से चलाई जा रही मॉक ड्रिल का नजारा था।

सुरक्षा के टिप्स दिए

पश्चिम यूपी सब एरिया मुख्यालय के अंतर्गत आने वाली ख्ख् आर्टी ब्रिगेड की ओर से गुरुवार को केवी पंजाब लाइंस में शिक्षक-शिक्षिकाओं व बच्चों को आतंकी हमले के दौरान बचाव के गुर सिखाए गए। सेना के अधिकारी ने सायरन बजने के साथ ही किस तरह स्वयं व बच्चों को बचाकर कमरों तक पहुंचाना है और अंदर सुरक्षित बंद रखना है, इसकी बारीकियों को बताया।

खुले रहें दरवाजे

सेना के अधिकारी ने बताया कि स्कूल में दो से अधिक दरवाजे खुले होने चाहिए, जिससे ऐसी स्थिति में एक को छोड़कर अन्य दरवाजों से बाहर निकला जा सके। साथ ही उन्होंने आतंकी हमले की स्थिति में कुछ दिनों तक कमरों में बंद रहने पर बच्चों को संभालने के तौर-तरीके बताए।

स्कूल में न घुसें अपरिचित

फौज की ओर से बताया गया कि किसी भी अपरिचित को स्कूल में प्रवेश नहीं देना चाहिए। आतंकी किसी भी रूप में आ सकते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को बिना जांच स्कूल में प्रवेश न करने दिया जाए। स्कूल की सतर्कता ही बहुमूल्य जीवन की सबसे बड़ी रक्षक बन सकती है और आतंक के खिलाफ यही हमारी जीत होगी। साथ ही सेना के अधिकारी ने सभी को आत्मरक्षा के कई गुर भी सिखाए, जिससे प्राथमिक तौर पर स्वयं का बचाव किया जा सकता है।