दावे फेल, पहले ही दिन खुली पोल

यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन का हाल बेहाल

कई सेंटर्स पर नहीं पहुंचे कक्ष निरीक्षक

बाबुओं और चपरासियों ने कराई परीक्षा

भारी अव्यवस्था के बीच थर्सडे को माध्यमिक शिक्षा परिषद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई। पहली परीक्षा में ही शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन के बड़े दावों का हवा निकल गई। सेंटर्स की दूरी, एग्जाम रूम में अंधेरा और बैठने का प्रॉपर इंतजाम न होने से परीक्षार्थियों के पसीने छूट गए। राजधानी के ग्रामीण इलाकों का हाल तो सबसे अधिक बदहाल दिखा।

कक्ष निरीक्षक तक अब्सेट

पहले दिन सुबह की पाली में हिंदी विषय की परीक्षा थी। लेकिन ज्यादातर सेंटर्स पर आधे से ज्यादा कक्ष निरीक्षक पहुंचे ही नहीं। जबकि बोर्ड एग्जाम के लिए शिक्षा विभाग की ओर से पांच हजार कक्ष निरीक्षक थे। पर आधे से ज्यादा कक्ष निरीक्षक अपने निर्धारित सेंटर्स पर पहुंचे ही नहीं। ऐसे में एग्जाम को समय से शुरू कराने के लिए राजधानी के लगभग आधे से अधिक सेंटर्स को अपने नॉन टीचिंग स्टॉफ को ड्यूटी पर लगाना पड़ा। सबसे बुरा हाल तो राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों का रहा, इन सेंटर्स को अपने बाबुओं और चपरासियों ने परीक्षा में ड्यूटी करवानी पड़ी।

कमरों में मिले एक कक्ष निरीक्षक

150 एग्जाम सेंटर्स पर एग्जाम कराने के लिए राजधानी के माध्यमिक स्कूलों से पांच हजार शिक्षकों की कक्ष निरीक्षक के तौर पर ड्यूटी लगाई गई थी। एग्जाम से कुछ दिन पहले डीएम ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों और प्रिंसिपल को सख्त आदेश दिए थे की 20 स्टूडेंट्स पर एक कक्ष निरीक्षक होना चाहिए। या फिर एक कमरे में दो कक्ष निरीक्षक ड्यूटी पर हो। इसके बाद भी राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में सेंटर्स पर एक-एक कक्ष निरीक्षकों के भरोसे एग्जाम कराया गया। जनता इंटर कॉलेज खड़ौहा में छह सौ स्टूडेंट्स के लिए सेंटर्स बनाया गया था। यहां पर केवल 20 कक्ष निरीक्षक थे। 12 कक्ष निरीक्षक बाहर से आने थे जिसमें से केवल आठ ही पहुंचे। तो वहीं स्व। सुरेश चंद्र दिवेद्वी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रहीमाबाद में 432 स्टूडेंट्स के लिए सेंटर बनाया गया था। इसके लिए 11 कक्ष निरीक्षक बाहर से भेजे गए थे। जिसमें एक भी सेंटर पर नहीं पहुंचे केवल छह कक्ष निरीक्षकों ने ड्यूटी ज्वाइन करने की रिसीविंग भेजी।

न लाइट न कमरा, हो गया एग्जाम

यूपी बोर्ड एग्जाम कराने के लिए 150 सेंटर्स बनाए गए थे। इस बार सेंटर्स बनाने की प्रक्रिया में जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने काफी मानकों की अनदेखी की। इस बार ऐसे स्कूलों को सेंटर्स बना दिया जहां स्टूडेंट्स को बैठने के लिए सहीं से कमरे तक नहीं थे। उन्हें टीन शेड के नीचे एग्जाम दिलाया गया। साथ ही रोशनी के नाम पर सभी कमरों में एक बिजली का बल्ब लगा दिया गया।

कक्ष निरीक्षकों का हाल

सेंटर का नाम डयूटी प्रजेंट

गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज 22 00

नेशनल इंटर कॉलेज 13 00

नारी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज 11 00

राजकीय सैनिक स्कूल 12 06

इस्लामिया इंटर कॉलेज 14 07

त्रिलोकी नाथ इंटर कॉलेज 23 00

जनता इंटर कॉलेज 18 00