- पुलिस ने जालसाजों को अरेस्ट कर भेजा जेल

- पैथालॉजी चलाने के लिए डॉक्टर की डिग्री महज 40 हजार मे बेची

-पुलिस ने फर्जी पैथोलॉजी चलाने वाले रैकेट का किया भांडाफोड़

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR
: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स के दस्तावेज सेफ नहीं हैं। शातिर इन्हें उड़ाकर पैसा कमाने में जुटे हुए हैं। वहीं भेदिए भी महज चंद पैसों के लिए इन अहम दस्तावेजों को उड़ाने में हिचक नहीं महसूस कर रहे हैं। महज 40 हजार के लिए एमबीबीएस डॉक्टर्स की डिग्री बेचने वाले शातिरों को अरेस्ट करने के बाद यह खुलासा हुआ। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की डिग्री पर पैथोलॉजी चलाने वाले एमबीबीएस स्टूडेंट समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सुनील सरोज ने बताया कि कई माह पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफिस में आग लगी थी। जिसका फायदा उठाकर डॉक्टर्स के रिकार्ड गायब कर दिए थे। इसके बाद डिग्री का सौदा तय कर उसे विनोद के हाथों बेच दिया।

लीलावती पैथालॉजी से कारोबार
पुलिस ने बुधवार को फर्जी पैथोलॉजी संचालन करने वाले रैकेट का खुलासा किया। गुलरिहा पुलिस ने इस मामले में मुखबिर की सूचना पर शाहपुर स्थित नेचुरल मेंस पार्लर चरगांवा के पास से लीलावती पैथोलॉजी के संचालक विनोद कुमार सिंह और बीआरडी के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के स्टूडेंट सुनील सरोज को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया। मामला तब सामने आया जब पैथोलॉजी विभाग की शिक्षिका डॉ। कंचन श्रीवास्तव को एक मरीज मिला। जिसके पास लीलावती पैथोलॉजी की रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में जांचकर्ता के तौर पर डॉ। कंचन श्रीवास्तव का नाम लिखा था। जिसके बाद सकते में आई डॉ.क्टर ने इस मामले में गुलरिहा थाने में केस दर्ज कराया।

जांच में आया एमबीबीएस स्टूडेंट का नाम
पुलिस लाइंस सभागार में एसपी नार्थ रोहित सिंह सजवान ने बताया कि डॉक्टर की शिकायत पर हुई जांच में पता चला कि पैथोलॉजी अवैध तरीके से संचालित की जा रही है। पुलिस ने सबसे पहले संचालक टिकरिया निवासी विनोद कुमार सिंह को शाहपुर के चरगांवा से दबोच लिया। उससे पूछताछ में जौनपुर निवासी एमबीबीएस अंतिम वर्ष के स्टूडेंट सुनील कुमार सरोज का नाम सामने आया। जिसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट किया। पूछताछ में पता चला कि विनोद और सुनील को पैथोलॉजी के लिए एक पैथोलॉजिस्ट के कागजात उपलब्ध कराने के लिए 40 हजार रुपए दिए गए थे।

डिग्री लगाकर किया लाइसेंस अप्लाई
इस रकम को मिलने के बाद सुनील सरोज ने पहले डॉ। कंचन श्रीवास्तव का कागजात मुहैया कराया। जब डॉ। कंचन के कागजात पर काम नहीं बना तो सुनील ने दूसरे डॉक्टर का कागजात मुहैया कराया। पुलिस ने दोनों के पास से डॉ। कंचन श्रीवास्तव के शैक्षणिक कागजात के साथ ही पहचानपत्र और शपथपत्र भी बरामद किए। पैथालॉजी लाइसेंस के लिए डॉक्टर्स की डिग्री की जरूरत होती है। इसलिए एमबीबीएस स्टूडेंट व संचालक ने मिलकर डॉक्टर के डिग्री का इस्तेमाल किया। उन्होंने सीएमओ कार्यालय में डिग्री लगाकर लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था, लेकिन शक होने पर इसे रोक दिया गया और उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया।

गिरफ्तार करने वाली टीम
गिरफ्तार करने वाली टीम में गुलरिहा एसएचओ जयदीप कुमार वर्मा, उप निरीक्षक गुलाब यादव, श्रवण कुमार शुक्ला, कांस्टेबल परशुराम राय, लोकनाथ सिंह, शम्भू यादव और सत्येंद्र चौधरी शामिल रहे।