आगरा (ब्यूरो) ताजमहोत्सव में हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों से लगभग 300 शिल्पी पार्टिसिपेट करेंगे।

कश्मीर की पशमीना शॉल तो वेस्ट बंगाल की कान्था साड़ी करेगी अट्रैक्ट

देशभर से आए शिल्पियों द्वारा इस बार के ताज महोत्सव में सहारनपुर का वुड क्राफ्ट, कश्मीर का सूट एवं पशमीना शॉल, फरीदाबाद का टेराकोटा, वेस्ट बंगाल की कान्था साड़ी, वाराणसी की सिल्क साड़ी, बिहार का सिल्क क्लॉथ, भदोही का कारपेट, लखनऊ का चिकन क्लॉथ, आन्ध्र प्रदेश का कोशिया तथा सिल्क क्लॉथ, बागपत का हैण्डलूम, प्रतापगढ़ का आंवला उत्पाद, असम का केन फर्नीचर, गुजरात का सूट एवं शॉल, खुर्जा की पॉटरी, फिरोजाबाद का कांच वर्क, हाथरस की ग्लासवीट ज्वैलरी, पिलखुआ की चादर एवं पंजाब की फुलकारी टूरिस्ट्स को अट्रैक्ट करेगी।

मुशायरे की थीम 'पैगाम ए मोहब्बत'

ताज महोत्सव में आयोजित मुशायरे की थीम पैगाम ए मोहब्बत रखी गई है। शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर 23 फरवरी को मुशायरा आयोजित किया जाएगा। ताज महोत्सव में प्रतिवर्ष कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन होता है। इस बार मुशायरा और कवि सम्मेलन शिल्पग्राम में मुक्ताकाशीय मंच पर होंगे। पिछले कुछ साल से ताज महोत्सव में कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन आकाशवाणी के द्वारा किया जाता रहा है। इस बार भी इसकी जिम्मेदारी आकाशवाणी संभाल रहा है। मुशायरे में 13 शायर और कवि सम्मेलन में 15 कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। मुशायरे में डाॅ। कलीम कैसर, खुर्शीद हैदर, वाहिद अली, मिस्दाक आजमी, तहसीन मुनव्वर, मालविका हरिओम, शाहिद नदीम, आलोक यादव, अस्तित्व अंकुर, अलीना इतरत, सिया सचदेव, अनुपम श्रीवास्तव, शाइत्ता सना अपने मुशायरे से समां बांधेंगे।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत की थीम पर होगा कवि सम्मेलन

ताज महोत्सव के मुक्ताकाशीय मंच पर 26 फरवरी को आयोजित किए जा रहे कवि सम्मेलन की थीम इस बार 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' रखी गई है। इसमें डॉ। ओमपाल सिंह निडर, शिवओम अंबर, डाॅ। सरिता शर्मा, सर्वेश अस्थाना, डाॅ। विष्णु सक्सेना, डाॅ। अंजना सिंह सेंगर, डाॅ। कीर्ति काले, गौरव चौहान, बलराम श्रीवास्तव, डाॅ। सोनरूपा विशाल, उर्वशी अग्रवाल, सरोज मिश्र, मधु मोहिनी उपाध्याय, अंसार कम्बरी, डाॅ। ज्योत्सना शर्मा अपनी मधुर कविताओं से श्रोताओं का मन मोहेंगे।

इतिहास के झरोखे से मिला अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का दर्जा

ताज महोत्सव की शुरुआत 1992 में हुई थी। जब ये स्टार्ट हुआ तो ये एक मेले के जैसा था, लेकिन इसमें तेजी से बदलाव हुआ और 1994 में अंतर्राष्ट्रीय महोत्सवों में इसे शामिल कर लिया गया। तभी से ताज महोत्सव को हर साल 18 से 27 फरवरी को ही आयोजित किया जाता है। 1994 में ही मुक्ताकाशीय मंच को स्थाई रुप से बना दिया गया। इससे पहले ये अस्थाई रूप से बना हुआ था।

बेस्ट कपल्स को दिया जाता था अवॉर्ड

ताज महोत्सव में शुरुआती तीन साल तक बेस्ट कपल्स को अवॉर्ड दिया जाता था। इसमें एक इंडियन कपल और एक विदेशी कपल को शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर सम्मानित किया जाता था। ये परंपरा केवल तीन साल तक ही चली। इसके बाद इस परंपरा को बंद कर दिया गया।