75 फीसदी सीटें आम तथा 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि स्कूलों में मैनेजमेंट कोटा एक तरह का घपला है।  मैनेजमेंट कोटे के आधार पर स्कूल अपनी मनमानी करते थे। जिससे आम लोगों के बच्चों को उनके मन मुताबिक स्कूलों में दाखिल नहीं मिल पाता था। केजरीवाल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला लिया है।  जिसके तहत दिल्ली के स्कूलों में  मैनेजमेंट कोटा पूरी तरह से ख़त्म कर दिया गया है। केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली के स्कूलों में 75 फीसदी सीटें आम बच्चों के लिए है। वहीं  25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए होंगी।

दिल्ली सरकार ने खत्म किए स्कूलों द्वारा बनाए गए पैमाने

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ये भी बताया कि दिसंबर में सभी स्कूलों को कहा गया था कि दाखिले के पैमाने वो खुद तय करें।  पैमाना तय होने के बाद उसे वेबसाइट पे डालें । पर दिल्ली के कुछ स्कूलों ने ऐसे पैमाने लिखें है जैसे कि जिनके मां बाप नॉन वेज खाते हैं स्मोकिंग करते है शराब पीते है उनकों स्कूलों में दाखिला नहीं मिलेगा। स्कूलों के ये पैमाने एक तरह की मनमानी और पूरी तरह से गलत हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने ऐसे 62 तरह के पैमाने ख़त्म कर दिए हैं।

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