इतिहास बनाने की ओर महबूबा

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सोमवार को इतिहास रचने जा रही हैं। करीब 18 वर्ष पहले अपने स्वर्गीय पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नींव रखने वालों में शामिल महबूबा देश की पहली मुस्लिम और राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। 22 मई, 1959 को कश्मीर के बिजबिहाड़ा में जन्म लेने वाली महबूबा ने कश्मीर विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की है। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी महबूबा पहली बार उस समय चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने 1996 में कांग्रेस की टिकट पर बिजबिहाड़ा (अनंतनाग) से विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 1999 में पीडीपी का गठन हुआ और उन्होंने 2002 में एक बार फिर अपनी पार्टी की टिकट पर वाची (शोपियां) से चुनाव लड़ा।

कश्मीर से सांसद भी हैं महबूबा

2004 में उन्होंने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग संसदीय सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर संसद भवन पहुंच गई। 2014 में हुए संसदीय चुनावों में एक बार फिर वह सांसद चुनी गई। महबूबा उस समय राज्य में सत्ता की बागडोर संभालने जा रही हैं, जब अलगाववादी मुखर हैं और लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। वह अपनी छवि से विपरीत सोच रखने वाली भाजपा के साथ सरकार बनाने जा रही हैं। 20 वर्षो में वह विधायक व सांसद जरूर रहीं, लेकिन कभी मंत्री नहीं बनी हैं।

आसान नहीं है राह

ऐसे में प्रशासनिक अनुभव की कमी और भाजपा के साथ सरकार का गठन करने जा रही महबूबा की आगे की राह इतनी आसान भी नहीं है। वह भी उस समय जब तीन महीनों के राज्यपाल शासन के दौरान राज्य के लोगों ने कई अहम फैसले देखे हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जब महबूबा शपथ लेंगी तो उस समय केंद्रीय मंत्रियों और दोनों दलों के नेताओं के साथ उनके परिजन भी मौजूद रहेंगे।

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