- जिला अस्पताल में डेवलपमेंट वर्क चल रहा है बहुत धीमा

- कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं कर अब तक

पांडेयपुर स्थित पं। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में विकास को इलाज की जरुरत है। सोच में पड़ गए नायहां हम बात हॉस्पिटल में हो रहे विकास कार्य की कर रहे हैं। शासन द्वारा यहां करीब डेढ़ साल पहले शुरु कराए गए विकास कार्य की चाल बेहद सुस्त है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हॉस्पिटल के कलेवर बदलने और सौन्दरीकरण का काम कर रही कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं कर पाई है। जबकि इसे पूरा करने की डेडलाइन नवंबर में पूरी होने जा रही है। इसको लेकर न तो शासन फिक्रमंद है और न हॉस्पिटल प्रबंधन।

14.35 करोड़ का भेजा था प्रस्ताव

कार्यदायी संस्था ने सीएंडडीएस ने 14.35 करोड़ से सुंदरीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस प्रोजेक्ट के तहत परिसर में सुगम मार्ग, साइकिल व मोटर वाहन के लिए अलग-अलग स्टैंड, छत की रिपेयरिंग, एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), आग से निपटने के प्रबंध, ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन, ओपीडी से हॉस्पिटल हॉल तक एसी व्यवस्था भी शामिल की गई थी।

98 लाख का बजट

जिला अस्पताल की ओर से करीब तीन साल पहले ही भवन व परिसर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर डिमांड भेजी गई थी। जिसके बाद शासन ने अस्पताल के सुंदरीकरण के लिए कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के वक्त भी मांग उठी थी। इसके लिए शासन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत पहली किस्त के रूप में 98 लाख का बजट जारी कर चुका है। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने टेंडर जारी कर काम को अंजाम दे रहा है।

प्रोजेक्ट एक नजर में

14.35

करोड़ प्रोजेक्ट का अनुमानित लागत

8

माह है कार्य की अवधि

98

लाख धनराशि अवमुक्त

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क्या-क्या होना है कार्य

-अस्पताल की छत की मरम्मत

-एक किमी सड़क का निर्माण -अलग-अलग साइकिल व वाहन स्टैंड

- एसटीपी

-फायर फाइटिंग सिस्टम का निर्माण -पूरे अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप लाइन

ये सभी काम हॉस्पिटल प्रबंधन की निगरानी में नहीं हो रही है, इसके बारे में शासन स्तर पर ही जानकारी मिलेगी।

डॉ। मेजर विपुल कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल