-कान्हा उपवन में रखने का हो गया इंतजाम फिर भी सड़क पर घूम रहे छुट्टा पशु

-मेहमानों के लिए साबित हो सकते हैं खतरा

बनारस में पहली बार प्रवासी सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इसमें आने वाले मेहमानों की मेहमाननवाजी में कोई कसर ना रहे इसके लिए शासन और प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन अभी भी सबसे बड़ी समस्या छुट्टा पशु हैं। जबकि इनको शहर से हटाकर रखने के लिए कान्हा उपवन में तीन सेट बनकर तैयार हो चुका है। समय रहते अगर इन पशुओं को उपवन में न भेजा गया तो आम लोगों को घायल कर रहे ये पशु एनआरआई समिट में आ रहे मेहमानों को शिकार बना सकते है।

225 पशुओं को मिल सकती है एंट्री

शहर की सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं को शहर की सड़कों से बाहर करने के लिए सरकार ने कान्हा उपवन तैयार किया जा रहा है। स्मार्ट प्रोजेक्ट के तहत गंगा किनारे करसड़ा के छितौनी गांव में बने रहे इस उपवन में 450 पशुओं के लिए कुल छह सेट तैयार कराने है। इसमें तीन सेट बनकर तैयार हो चुका है। अभी इसमें 225 पशुओं को एंट्री दी जा सकती है। इसके लिए निगम अधिकारियों को सूचना दे दी गई है।

चारा न कर्मचारी

अधिकारियों की मानें तो सरकार के कान्हा उपवन बनाने को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। उपवन का आधे से ज्यादा काम हो चुका है। फरवरी अंत तक सभी सेट बनकर तैयार हो जाएंगे। लेकिन नगर निगम ने अब तक यहां न कर्मचारियों की व्यवस्था किया है और न ही जानवरों के खाने-पीने की। बनारस को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड(वीएससीएल) बनाया गया था। जिसके जरिये इस प्रॉजेक्ट पर काम शुरू कराया गया है। प्रॉजेक्ट का मकसद सिटी को आवारा पशुओं से मुक्त करने के साथ पशुओं के लिए प्राकृतिक और साफ-सुथरी जगह मुहैया कराना है, ताकि उसे रहने के लिए ठिकाना और खाने के लिए चारा मुहैया कराया जा सके।

बनारस की सबसे बड़ी समस्या

बनारस में छुट्टा पशुओं का खुलेआम घूमना गंभीर समस्या है। इनकी वजह से आए-दिन एक्सिडेंट होते रहते है। यही नहीं गलियों में घूमने वाले ज्यादातर पशु सेहतमंद नहीं होते हैं। चारा न मिलने की वजह से ये कचरा आदि खाकर ही पेट भरते हैं जिसकी वजह से इनमें से कई पशुओं को बीमारियां होती हैं।

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एकड़ में बन रहा कान्हा उपवन

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करोड़ रुपये के करीब खर्च होंगे इसे बनाने पर,

450

पशु को रखने की व्यवस्था

225

पशुओं को रखने की जगह तैयार

अभी कान्हा उपवन में तीन सेट तैयार होने की सूचना नहीं पहुंची है। फिर भी विभाग छुट्टा पशुओं को दो दिन में हटा लेगा। कानपुर से दो गाडि़यां मंगाई गई हैं। रही बात उपवन में चारा उपलब्ध कराने की तो इसकी जिम्मेदारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी को दी गई है।

असलम अंसारी, पशु चिकित्साधिकार, नगर निगम