-बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन से जुड़े आयुष्मान योजना के लाभार्थी

-योजना में पारदर्शिता लाने के लिए की गई व्यवस्था

गरीब और जरुरतमंदों को पांच लाख रूपए का मुफ्त इलाज देने के लिए चल रहे आयुष्मान भारत योजना को अब पहले से ज्यादा प्रबल बनाने के साथ पारदर्शी बना दिया गया है. इस योजना में कोई हेरा-फेरी नहीं कर पाएगा. दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस योजना के तहत स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के लिए बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया है. अब कोई भी नाम बदलकर इलाज नहीं करा पाएगा.

कर दिया गया है ईमेल

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी हुई यह व्यवस्था 15 अप्रैल से बनारस में आयुष्मान भारत योजना से जुड़े सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में अनिवार्य रूप से लागू कर दी गयी है. योजना को तत्काल अमल में लाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयुष्मान से जुड़े संस्थानों को ई-मेल और पत्र जारी कर कर दिया गया है.

असली लाभार्थी का चलेगा पता

आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने वाले लाभार्थियों की सत्यता व लाभ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत को बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन से जोड़ा जा रहा है. बनारस के 8 सरकारी अस्पतालों होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल, सर सुंदरलाल हॉस्पिटल, ट्रामा सेंटर आईएमएस बीएचयू, दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय, मंडलीय एवं महिला चिकित्सालय, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय और मेंटल हॉस्पिटल समेत 95 निजी चिकित्सालयों को इस योजना से संबद्ध कर दिया गया है.

योजना के नाम पर धांधली नहीं

अधिकारियों की मानें तो बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन लागू होने पर आयुष्मान से जुड़े सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में मरीजों को एडमिट करते समय बायोमेट्रिक कराना होगा. इसके बाद जब मरीज इलाज कराकर डिस्चार्ज होगा तो उस समय भी उसका बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन किया जाएगा. जिससे संबंधित मरीज के इलाज की ट्रांसपेरेंसी बनी रहे.

यह व्यवस्था 15 अप्रैल से लागू कर दी गई है. बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन सिस्टम के शुरू होने से इलाज संबंधी ट्रांसपेरेंसी बनी रहेगी.

नवेंद्र सिंह, सिस्टम मैनेजर, डिस्ट्रिक इनफॉरमेशन