-गांधी जयंती पर नगर निगम ने शहर को साफ करने के लिए लगाए थे स्वच्छता दूत

-न सफाई हो सकी, न कूड़ों का हुआ उठान, गंदगी से पब्लिक अब भी है परेशान

स्मार्ट सिटी बनारस में स्वच्छता के नाम पर करोड़ रुपये भले ही खर्च किए जा रहे हों लेकिन हकीकत उससे अलग है। शहर में स्वच्छता कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम ने गांधी जयंती पर शहर को साफ करने के लिए 2500 हजार स्वच्छता दूत लगाए थे। फिर भी शहर की स्थिति जस की तस है। स्वच्छता दूतों ने कहां सफाई की ये जांच का विषय बन गया है। सड़कों पर न तो समय से झाडू लग रहे हैं और न ही कूड़े की उठान हो रही है। कई सड़कों की हालत यह है कूड़े की दुर्गंध निकलने से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है। लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, फिर भी नगर निगम का दावा है कि शहर साफ हुआ है।

शहर का वार्ड है गंदा

शहर के महत्वपूर्ण वार्ड के कुछ एरिया को छोड़ दिया जाए तो ऐसा कोई गली मोहल्ला नहीं है, जहां लोग गंदगी से परेशान न हों। महमूरगंज, रथयात्रा, कमच्छा, सिद्धगिरीबाग, बड़ी गैबी, कमच्छा, मंडुवाडीह, लहरतारा, चौक, बुलानाला, मैदागिन, कैंट, सोनारपुरा, शिवाला, भदैनी, अस्सी जैसे शहर के दर्जनों एरिया है जहां गली से लेकर सड़क तक कचरे का अंबार लगा है। यही नहीं कई जगह तो नालियां और सीवर जाम होकर गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। फिर भी निगम के अफसरों की नजर में सब साफ और ठीक है।

वार्डो में कूड़ा कलेक्शन नहीं

स्वच्छता रैंकिंग में सुधार लाने के लिए शहर के वाडरें में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने का निर्देश दिया गया है। कूड़ा कलेक्शन करने वाली इकोपाल कंपनी के काम बंद करने के बाद 25 वाडरें में कूड़ा कलेक्शन बंद है। उधर, 32 वाडरें में कूड़ा कलेक्शन की फाइल अभी ठंडे बस्ते में ही दबी है। वर्तमान में जो एजेंसी कलेक्शन का काम कर रही है, उसने भी आधे से ज्यादा एरिया में काम बंद कर दिया है।

अफसर नहीं करते मानीटरिंग

सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए शहर के सभी 90 वाडरें में जिले के आला अफसरों को एक-एक वाडरें की मानीटरिंग करने का जिम्मा सौंपा गया है। शायद ही कोई अफसर वाडरें में मानीटरिंग करने जाता होगा लेकिन फाइल में रोज दिखाते हैं।

कहां गए 800 डस्टबिन

राहगीर और घरों में रहने वाले लोग आसपास कूड़ा नहीं फेकें, इसके लिए नगर निगम ने कुछ महीने पहले आठ सौ डस्टबिन मंगाए थे। जिन्हे सड़कों और गलियों के किनारे रखा गया था, लेकिन अब वे डस्टबिन कहां चले गए इसकी जानकारी भी अफसरों को नहीं है।

गांधी जयंती के अवसर पर हर वार्ड में 25 लोगों की एक टीम बनाई गई थी। इसके साथ निगरानी के लिए अधिकारी भी लगे थे। बारिश होने की वजह से कुछ जगह गंदगी हुई है। जिसे साफ कराया जा रहा है।

राम सकल यादव-नगर स्वास्थ्य अधिकारी-नगर निगम

एक नजर

620

मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है शहर में डेली

263

छोटी बड़ी गाडि़या है कूड़ा उठाने के लिए निगम के पास

90

हापर है निगम के पास

29

वार्ड में दो एजेंसी मिलकर काम कर रहे हैं