- शमशान घाट पर हो रहे चिमनियों के निर्माण पर एएसआई को एतराज

- अनुमति नहीं लेने पर एडीए को भेजा नोटिस, ध्वस्त करने की चेतावनी

आगरा। एएसआई ताज के सरंक्षण में लगा है, लेकिन ताज को बचाने में एडीए की कवायद उसे रास नहीं आई। काला होने से बचाने के लिए एडीए ताज के नजदीक स्थित श्मशान घाट पर चिमनी लगवा रहा है, जिससे यहां जलने वाली चिताओं के धुएं से ताज को बचाया जा सके। इस चिमनी निर्माण पर एएसआई ने आपत्ति जताई है। नोटिस जारी किया है। उसका तर्क है कि एडीए ने निर्माण से पहले अनुमति नहीं ली।

ताज को बदरंग होने से बचाने के लिए बन रही चिमनी

श्मशान घाट में जलती चिताओं के धुएं से बदरंग होते ताज को बचाने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा चिमनियां बनाई जा रहीं है। ये चिमनियां चिताओं का धुआं सोखेंगी। अभी शमशान घाट पर एक सैंपल चिमनी टेस्टिंग के लिए बनाई जा रही है। सैंपल पास होने के बाद यहां और चिमनियां बनाई जाना प्रस्तावित है, लेकिन इससे पहले ही यह प्रोजेक्ट नियमों के फेर में फंसता नजर आ रहा है। यह नव निर्माण ताज के 500 मीटर के दायरे में आता है। एडीए ने इसकी अनुमति एएसआई से नहीं ली है।

सबको एक लाठी से हांकता एएसआई

श्मशान घाट में चल रहे चिमनी के निर्माण कार्य के लिए एएसआई ने एडीए को नोटिस भेजा है। यह नोटिस 17 अक्टूबर को दिया है। नोटिस में एडीए को सख्त रूप से कहा गया है कि आपके द्वारा ताजगंज श्मशान घाट क्षेत्र में चिमनी का अवैध रूप से नवनिर्माण कार्य किया जा रहा है, जो कि नियमों के विपरीत है। इन नियमों के उल्लंघन करने पर दो वर्ष का कारावास या एक लाख रुपए जुर्माने या दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है। नोटिस में कहा है कि आगरा विकास प्राधिकरण का निर्देशित किया जाता है कि तत्काल उक्त निर्माण कार्य स्थगित कर दें, तथा इस नोटिस के प्राप्त होने की तिथि के सात दिनों के अंदर कारण बताएं कि क्यों न आपके द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश जारी किया जाए।

नियमों में बंधा है एएसआई

ताज के नूर को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा ताज के 500 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण कार्य नहीं होने का आदेश दिया था। प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम 2010 के अंतर्गत ताज के 500 मीटर के दायरे में यदि कोई निर्माण कार्य होना है, तो उसके लिए एएसआई की अनुमति लेनी होगी, लेकिन यहां एडीए ने एएसआई से इस संबंध में कोई अनुमति नहीं ली।