- कमिश्नर के पास आई है दोनों अधिकारियों के मामले की जांच

- दोनों की रिपोर्ट पढ़कर होगी आगे की कार्यवाही, जाएगी शासन

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार के बीच तकरार खत्म होने का लगभग सभी इंतजार कर रहे हैं। जहां दोनों को शुक्रवार के दिन राजभवन तलब किया गया था। वहीं दोनों से राज्यपाल ने लिखित में अपना-अपना पक्ष रखते हुए जवाब मांगा। इसके साथ ही शासन द्वारा कमिश्नर को भेजी गई जांच भी फिलहाल अंतिम दौर पर है। जिसमें दोनों ही अधिकारियों से लिखित में अपना पक्ष मांगा गया था। दोनों ने ही अपने पक्ष कमिश्नर को भेज दिए हैं। वहीं राजभवन से भी दोनों के संबंध में कार्रवाई बाकी है। वहां भी इनके पक्ष लिखित में मांगे गए थे।

विवाद शुरू हुआ

यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार मनोज कुमार और वाइस चांसलर वीसी गोयल के बीच अक्टूबर में ईसी की मीटिंग के दौरान पंगा हुआ। जिसके चलते रजिस्ट्रार मनोज कुमार को वीसी के द्वारा कार्य मुक्त कर दिया गया। साथ ही रिलीव भी कर दिया गया, लेकिन मनोज कुमार यूनिवर्सिटी में मौजूद रहे। मामले मे शासन ने भी रजिस्ट्रार मनोज कुमार के पक्ष में निर्णय लिया। मगर वीसी ने रजिस्ट्रार को कार्य सौंपने से इंकार कर दिया। इसके बाद मामला राजभवन में पहुंचा। जिसके निपटारे के लिए शुक्रवार को राज्यपाल ने दोनों को अपने यहां बुलाया था।

दोनों से मांगे थे लिखित पक्ष

राजभवन पहुंचे कुलपति व रजिस्ट्रार के विवाद में राज्यपाल राम नाईक ने दोनों से अलग-अलग बात की थी। साथ ही दोनों को सार्वजनिक तौर पर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने और पद की गरिमा के अनुकूल आचरण न करने के लिए फटकार लगाई थी। साथ ही राज्यपाल ने विवाद के संबंध में लिखित रूप से दोनों से अपने मांगे थे। दोनों का लिखित पक्ष आने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई को कहा था। वहीं पूर्ववर्ती राज्यपाल (कार्यवाहक) डा.अजीज कुरैशी के परिसहाय (एडीसी) पर लगाए गए आरोपों के बारे में वीडियो देखने के बाद कुछ करने को कहा था।

वर्जन

रजिस्ट्रार और वीसी दोनों के ही लिखित पक्ष आ गए हैं। मामले में प्रक्रिया लंबी चलेगी। अभी इसमें कुछ कहा नहीं जा सकता। दोनों की रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही आगे कुछ निर्णय होगा। - भूपेंद्र सिंह, कमिश्नर मेरठ