गुवाहाटी (एएनआई)। असम में इन दिनों बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण 28 जिलों के 33.03 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( एएसडीएमए) के मुताबिक, इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक कुल 117 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से बाढ़ से मरने वालों की संख्या 100 है और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 17 है। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी में डूबने से चार बच्चों सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अकेले बारपेटा जिले में 8.76 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद नागांव में 5.08 लाख, कामरूप में 4.01 लाख, कछार में 2.76 लाख, करीमगंज में 2.16, धुबरी में 1.84 लाख और 1.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

3,510 गांव पानी में डूबे, पहुंचाई जा रही है मदद

असम के 93 राजस्व मंडलों के तहत 3,510 गांव और लगभग 91,700 हेक्टेयर फसल भूमि अभी भी बाढ़ के पानी में डूबी हुई है। एएसडीएमए ने बताया कि असम में 22 जिलों के 717 राहत शिविरों में 2,65,788 लोग अभी भी ठहरे हुए हैं। कछार जिले के सिलचर में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए दो ड्रोन तैनात किए गए हैं। राहत सामग्री में पैकेज्ड पेयजल, चावल आदि सहित 85.2 मीट्रिक टन ग्रौसरी को गुवाहाटी और जोरहाट से सिलचर के लिए हवाईजहाज से भेजागया है।

कई बचाव दल लगे है काम पर

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन कर्मियों, पुलिस बल और आपदा मित्र के स्वयंसेवकों के साथ बचाव अभियान और राहत वितरण में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं,हालांकि एएसडीएमए ने पहले बताया था कि नगांव जिले में राहा राजस्व सर्कल के तहत कई क्षेत्र अभी भी बाढ़ के पानी में हैं। बाढ़ की से राहा राजस्व मंडल के 155 गांवों के करीब 1.42 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। नगांव जिले में राहत शिविर में ही बच्चों ने स्कूली गतिविधियों में भाग लिया है। एकीकृत बाल विकास सेवा पर्यवेक्षक एनपी डोले ने एएनआई को बताया कि वह बच्चों को सुबह की प्रार्थना, शारीरिक व्यायाम, चित्र के साथ राहत शिविर (नागांव) में स्कूली गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पहले इस शिविर का दौरा किया था। असम के नागांव जिले के कामपुर इलाके में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन कामपुर राजस्व सर्कल के तहत कई इलाके अभी भी बाढ़ के पानी में हैं।

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