आई स्पेशल

- पिछले साल के मूल्यांकन का भी नहीं मिला शिक्षकों को पैसा

- शिक्षकों में पिछला मानदेय ना मिलने से नाराजगी

मेरठ। यूपी बोर्ड में मूल्यांकन को लेकर बोर्ड तैयारियां करने में जुट गया है। वैसे तो अभी परीक्षा ही चल रही है, लेकिन मूल्यांकन को लेकर भी विभाग ने समय से ही अन्य तैयारियां शुरु की है। लेकिन इधर शिक्षकों में मूल्यांकन के मानदेय को लेकर आक्रोश है। क्योंकि विभिन्न शिक्षकों को अभी पिछले साल का ही पैसा नहीं मिला है, वहीं केंद्रों पर कोठार, उप नियंत्रक का पैसा तक नहीं मिला है।

नहीं मिला पिछला पैसा

शिक्षकों के अनुसार उन्हें मूल्यांकन का पिछला पैसा अभी तक नहीं मिलता है। एक शिक्षक को एक कॉपी के हिसाब से हाईस्कूल के 8 और इंटर के दस रुपए पर कॉपी मिलने थे। जिसके हिसाब से एक दिन के शिक्षक को पांच सौ और 15 दिन का पैसा 7 से आठ हजार के बीच मिलना था। जो कि अभी तक नहीं मिले हैं। इधर अगला मूल्यांकन भी आने को लेकिन अभी पिछला पैसा न मिलने का शिक्षकों में आक्रोश है।

20 परसेंट दो साल पहले का

कुछ शिक्षका तो ऐसे है जिनका पिछले साल का पैसा तो मिला नहीं, इसके साथ 2014-15 का भी पैसा नहीं मिला है। ऐसे 20 प्रतिशत शिक्षकों के साथ हुआ है।

अन्य पैसा भी नहीं आया

परीक्षा संबंधित उप नियंत्रक को 12 सौ रुपए, दो सहयोगी नियंत्रकों को 9 सौ रुपए, कोठार की ड्यूटी के 9 सौ रुपए, एग्जाम में ड्यूटी के एक शिक्षक को 36 रुपए पर ड्यूटी के हिसाब से 20 ड्यूटी के सात हजार 200 रुपए मिलते हैं। पिछले साल का ये पैसा नहीं अभी तक नहीं मिल पाया है, जबकि इस साल के एग्जाम भी खत्म होने वाले है।

भाड़ा नहीं कैसे भेजे बंडल

केंद्र व्यवस्थापकों में पिछले साल भी कॉपियों के बंडल को भेजने के लिए मिलने वाले भाड़े को लेकर दिक्कते रही है। इस साल भी यहीं परेशानी आ रही है कि ट्रक के लिए कोई भाड़ा अभी तक नहीं आया है, अभी अपनी जेब से ही खर्च करना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं शिक्षक

पिछले साल का ही पैसा काफी शिक्षकों का रुका है, ऐसे में शिक्षकों को यहीं चिंता है कि इस साल वो बिना पैसे के मूल्यांकन कैसे करें।

मिथलेश राणा, प्रवक्ता, समाजशास्त्र

कॉपियों के बंडल को भेजने के लिए अभी बजट नहीं मिला है, अपनी ही जेब से खर्च करना पड़ रहा है।

नीरा तोमर, प्रिंसिपल, श्री मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज, मटौर

बहुत सारे शिक्षक ऐसे है जिनका पिछले साल का पैसा नहीं मिला है। वहीं केंद्र के अन्य ड्यूटी करने वालों के भी पैसे अभी तक नहीं आए है, जबकि अगली परीक्षा चल रही है।

बीबी बंसल, प्रिंसिपल, एसडी ब्वॉयज सदर

हमारा तो पिछले से पिछले साल का भी पैसा नहीं मिला है। जब भी विभाग से कहें तो सब ऊपर पर डाल दिया जाता है, कि ऊपर से पैसा नहीं आया है।

पोपट, प्रवक्ता, हिंदी

मूल्यांकन का पिछले साल का ही पैसा नहीं आया है, अब इस साल का मूल्यांकन करते हुए सोच विचार करना होगा। बिना पैसों के काम कैसे करें।

रमा सक्सेना, प्रवक्ता, साइंस

पैसों के लिए ही काम करते हैं और वहीं पैसा न मिले तो बहुत दुख होता है। अभी तक पिछला पैसा नहीं मिला है।

आंचल, शिक्षक, मैथ्स