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-इलाहाबाद विश्वविद्यालय से रिटायर होने से पहले डॉ। मुरली मनोहर जोशी ने किया था भोज का आयोजन

dhruva.shankar@inext.co.in

ALLAHABAD: भाजपा से जुड़े हर कार्यकर्ता की जुबां पर 'भारत मां की तीन धरोहर, अटल-आडवाणी और मुरली मनोहर' जैसा संबोधन लंबे अरसे से था। भाजपा को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में इन तीन विभूतियों में से एक भारत रत्न पं। अटल बिहारी वाजपेई गुरुवार को नहीं रहे। उनकी तिकड़ी के सबसे प्रिय डॉ। मुरली मनोहर जोशी को वह आत्मीय संबोधन के जरिए 'मुरली' कहकर ही बुलाते थे। डॉ। जोशी साठ वर्ष की उम्र में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के भौतिक विज्ञान विभाग से रिटायर हुए। उसके पहले फोन करके अटल जी को भोज के आयोजन में बुलाया तब उन्होंने यही कहा, 'आऊंगा मुरली.'

चार जनवरी को पीडी टंडन पार्क में हुई थी सभा

डॉ। जोशी पांच जनवरी 1994 को भौतिक विज्ञान विभाग से बतौर विभागाध्यक्ष रिटायर हुए थे। उस दौर में विश्वविद्यालय में जितने भी शिक्षक 60 साल की उम्र में रिटायर होते थे वे सामूहिक भोज का आयोजन करते थे। उसी परंपरा का निवर्हन करते हुए डॉ। जोशी ने तीन जनवरी को अटल और राज्यसभा सांसद सिकंदर बख्त को फोन करके आमंत्रित किया था। इमरजेंसी में जेल गए और उनके शिष्य नरेन्द्रदेव पांडेय ने बताया कि चार जनवरी को पीडी टंडन पार्क में सभा और सामूहिक भोज का आयोजन था। सभा के बाद भोज हुआ लेकिन अटलजी ने उनके टैगोर टाउन स्थित आवास पर भोजन करने का आग्रह किया था।

भोजन के बाद पूछा अंग रस का मतलब

पार्क में सामूहिक भोज के बाद अटलजी का काफिला डॉ। जोशी के आवास पर पहुंचा था। डॉ। जोशी के प्रिय शिष्यों में शामिल उस समय मौके पर मौजूद प्रो। केएन उत्तम ने बताया कि उस समय डॉ। जोशी के आवास में अंतिम दौर का निर्माण कार्य चल रहा था। अटलजी ने आवास देखते ही कहा था कि बहुत बढि़या घर बनवा रहे हो मुरली। यह बताओ अंग रस लिखा हुआ है उसका मतलब क्या है। तब डॉ। जोशी ने उन्हें अंग का अर्थ बताना चाहा लेकिन तब तक भोजन का समय हो गया था।

डंकल और स्वदेशी पर बीस मिनट हुई चर्चा

प्रो। उत्तम ने बताया कि शुद्ध सात्विक भोजन के लिए अटलजी के साथ उस समय प्रो। राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भइया, विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री मदन लाल खुराना और राजनाथ सिंह एक साथ बैठकर भोजन कर रहे थे। भोजन के दौरान ही अटलजी ने डॉ। जोशी से डंकल प्रस्ताव और स्वदेशी आंदोलन को लेकर बीस मिनट तक चर्चा की थी।

एक-एक कमरे का किया अवलोकन

भोजन और मुद्दों पर बातचीत के बाद अटलजी ने डॉ। जोशी से उनका आवास देखने की इच्छा जताई थी। वरिष्ठ भाजपा नेता नरेन्द्र देव पांडेय ने बताया कि डॉ। जोशी से अटलजी का आत्मीय संबंध था इस वजह से आवास पर भोजन करने के बाद एक-एक कमरा, किचन और बालकनी को उन्होंने देखा था।