- सीजी सिटी में होगी स्थापना, राज्य सरकार ने दी 50 एकड़ भूमि

- भ्रष्टाचार की शिकायतों पर संयुक्त निदेशक सूचना हुए रिवर्ट

- विभागों, निगमों, आयोग के उपाध्यक्षों को मिलेगा एचआरए

फैक्ट मीटर

- 13 राजकीय मेडिकल कॉलेज वर्तमान में प्रदेश में हैं संचालित

- 05 स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज सोसाइटी के माध्यम से चल रहे

- 08 जिला चिकित्सालयों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा

- 22 निजी मेडिकल कॉलेज एवं 17 निजी डेन्टल कॉलेज प्रदेश में हैं मौजूद

लखनऊ (ब्यूरो)। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने गोमतीनगर विस्तार स्थित चक गजरिया में यूनिवर्सिटी के लिए 50 एकड़ भूमि देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। कैबिनेट ने इसके अलावा पांच अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी प्रदान की है। ध्यान रहे कि सूबे में मंत्रीमंडल विस्तार के बाद पहली बार कैबिनेट आयोजित की गयी थी।

एलडीए भी देगा जमीन

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए दी जाने वाली 50 एकड़ भूमि में से 20 एकड़ स्वास्थ्य विभाग से, 15 एकड़ चिकित्सा शिक्षा विभाग से और 15 एकड़ एलडीए द्वारा ट्रांसफर की जाएगी। एलडीए द्वारा ट्रांसफर की जाने वाली 15 एकड़ भूमि सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट की है जो उसने एलडीए को सरेंडर कर दी थी। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के निधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में उनके नाम से मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसी वर्ष इस भूमि पर मेडिकल यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने की तैयारी है।

चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी

बताते चलें कि लखनऊ स्थित केजीएमयू वर्ष 2002 में यूनिवर्सिटी में तब्दील हुआ था जिसके बाद राज्य के कई मेडिकल कॉलेज, डेन्टल, नर्सिंग कॉलेज एवं अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों की सम्बद्धता केजीएमयू से है। पूरे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों व परीक्षाओं में एकरूपता लाए जाने एवं प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेजों को केंद्रीयकृत शैक्षणिक मार्गदर्शन तथा उनमें संचालित पाठ्यक्रमों को संबद्धता प्रदान किए जाने के लिए 'अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2018Ó प्रख्यापित किया गया था।

अन्य कैबिनेट फैसले

करप्शन की शिकायत पर डिमोट हुए संयुक्त निदेशक

कैबिनेट ने करप्शन की शिकायतों की जांच के बाद सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक सैयद अमजद हुसैन को डिमोट करने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि लोक सेवा आयोग ने सैयद अमजद हुसैन के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति नहीं दी थी जिसके बाद राज्य सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए एक्शन लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सैयद अमजद हुसैन के खिलाफ सात बिंदुओं पर जांच हुई थी जिसमें वे दोषी पाए गये थे। कैबिनेट ने उनको डिमोट करते हुए वापस असिस्टेंट डायरेक्टर उर्दू के पद पर भेज दिया है। उनकी ग्रेड पे भी 7600 रुपये से घटाकर 5400 रुपये कर दी गयी है।

मानसून सत्र का सत्रावसान

कैबिनेट ने विधानसभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र का सत्रावसान करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र 18 जुलाई 2019 को आहूत किया गया था जो 26 जुलाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया था। वर्तमान में विधानमंडल से कोई कार्य कराया जाना शेष नहीं होने की वजह से सत्रावसान किया गया है।

उपसमिति का गठन

कैबिनेट ने पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर विचार कर संस्तुति देने के लिए कैबिनेट की उपसमिति का पुनर्गठन करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी और ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) उपसमिति के सदस्य होंगे।  

उपाध्यक्षों को मिलेगा एचआरए

कैबिनेट ने विभिन्न विभागों, निगमों, परिषद, उपक्रम, आयोग, संस्थाओं में गैर राजनीतिक उपाध्यक्षों को आवासीय भत्ते के रूप में 10 हजार रुपये देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। अभी तक यह भत्ता केवल अध्यक्ष और सलाहकारों को ही प्रदान किया जाता था।

कांठ में बनेगा बस अड्डा

कैबिनेट ने मुरादाबाद की तहसील कांठ में बस स्टेशन का निर्माण कराये जाने के लिए करीब 10 करोड़ रुपये कीमत की ग्रामसभा की भूमि निशुल्क देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी। यह बस अड्डा 1210 वर्ग मीटर भूमि पर 3।50 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।

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