- युवक की मौत से गुस्साए परिजन व स्थानीय लोगों ने हॉस्पिटल में की तोड़फोड़

- 2 घंटे तक चला हंगामा, हॉस्पिटल स्टाफ से अभद्रता, पुलिस ने 5 को लिया हिरासत में

- एमएस की तहरीर पर कोतवाली में केस दर्ज, सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस

देहरादून,

फ्राइडे मॉर्निग दून हॉस्पिटल की इमरजेंसी में युवक की मौत के मामले में परिजनों और स्थानीय लोगों ने सैटरडे को हॉस्पिटल में जमकर बवाल काटा। गुस्साए लोगों ने इमरजेंसी में जमकर तोड़ फोड़ की और डॉक्टर्स, स्टाफ के साथ अभद्रता की। हॉस्पिटल में करीब 2 घंटे तक हंगामा होता रहा। हंगामे की सूचना मिलते ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद 5 लोगों को हिरासत में लिया गया। देर रात हॉस्पिटल एमएस की तहरीर पर कोतवाली में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने हॉस्पिटल से सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद जांच शुरू कर दी है।

क्रॉनिक एल्कोहलिक बयान पर भड़के

फ्राइडे को किशनगर चौक के पास रहने वाले 25 वर्षीय रेवती रमन की दून हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों ने इलाज में लापरवाही व गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा था। तब हॉस्पिटल प्रबंधन के समझाने के बाद परिजन शव ले गए थे। लेकिन मीडिया में डॉक्टर की तरफ से मरीज के क्रॉनिक एल्कोहलिक होने का बयान सामने आने पर परिजन भड़क गए। सैटरडे को दोपहर करीब डेढ़ बजे 50 से ज्यादा लोग हॉस्पिटल पहुंचे, हॉस्पिटल में पहुंचते ही गुस्साए लोगों ने इमरजेंसी में सारा सामान पलट दिया और तोड़-फोड़ कर दी।

3 थाने के इंचार्ज पहुंचे हॉस्पिटल

इसके बाद ड्यूटी पर तैनात ईएमओ डॉ। एचएस भाटिया और ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से अभद्रता शुरू कर दी। हॉस्पिटल में रखी दवाएं और उपकरण भी इधर-उधर फेंक दिए। हॉस्पिटल स्टाफ और मरीज इधर-उधर बचते दिखे। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को सूचना दी गई जिस पर कोतवाली, डालनवाला, प्रेमनगर थाने के इंचार्ज और पीएसी फोर्स मौके पर पहुंची। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आशुतोष सयाना, डिप्टी एमएस डॉ। एनएस खत्री आदि भी वहां पहुंच गए। पुलिस ने हंगामा काट रहे युवकों को हिरासत में ले लिया।

रात में तैनात रहेगा एक एसआई

2 घंटे तक इमरजेंसी में हुए बवाल के बाद वहां तैनात स्टाफ और डॉक्टर्स ने डर कर काम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रिंसिपल ने स्टाफ को सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद सीओ सिटी ने डिप्टी एमएस की एसएसपी से बात कराई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रात में एक एसआई की तैनाती के बाद ही यहां डॉक्टर काम करेंगे। जिस पर एसएसपी ने अपनी सहमति दे दी और इमरजेंसी में काम शुरू हुआ।

मौत का मामला उलझा

युवक की मौत का कारण सामने न आने से मामला उलझ गया है। परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत डॉक्टरों के गलत इंजेक्शन से हुई है, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि युवक क्रॉनिक एल्कोहलिक था। शव का पोस्टमार्टम ना कराए जाने के कारण भी यह मामला लटक गया है।

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मौत की वजह के लिए एक कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी। लेकिन जिस तरह से लोगों ने हॉस्पिटल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। वह गलत है। सुरक्षा को लेकर अलग रिपोर्ट तैयार होगी।

डॉ। आशुतोष सयाना, प्रिंसिपल, दून मेडिकल कॉलेज