दुष्कर्म पीडि़ता ने न्याय न मिलने पर एसएसपी कार्यालय पर किया आत्मदाह का प्रयास

पीडि़ता ने उड़ेला कैरोसिन, मौके पर पहुंचकर पुलिसवालों ने महिला का बचाया

Meerut : मुझे भी इंसाफ चाहिए। जिस तरह से हैदराबाद में दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गोली से उड़ा दिया, उसी तरह मेरे साथ दुष्कर्म करने वाले को भी पुलिस सजा दे। मेरठ में शुक्रवार को आधी आबादी ने इंसाफ को लेकर पुलिस की चौखट पर गुहार लगाई। दुष्कर्म पीडि़त एक महिला ने तो एसएसपी कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास करते हुए खुद पर केरोसिन उड़ेल लिया जबकि दूसरी महिला ने इंसाफ न मिलने पर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

केस-1

एसएसपी कार्यालय पर हंगामा

मेरठ के हस्तिनापुर की रहने वाली एक महिला के साथ तीन माह पहले वहीं के रहने वाले युवक मोनू गुर्जर ने दुष्कर्म किया था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही है। महिला का आरोप है कि दुष्कर्म का आरोपी लगातार उस पर समझौते का दबाव बना रहे हैं। समझौता नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। शुक्रवार को पीडि़ता एसएसपी कार्यालय पर पहुंची। यहां पुलिसिया रवैए से क्षुब्ध महिला ने खुद पर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। एकाएक हुए घटनाक्रम से एसएसपी कार्यालय में खलबली मच गई और महिला पुलिसकर्मियों ने दौड़कर पीडि़ता को बचाया। घटनाक्रम के बाद एसपी क्राइम राम अर्ज ने एसओ हस्तिनापुर से फोन पर बात की और आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

बंधक बनाकर किया सामूहिक दुष्कर्म

केस-2

घर में बंधक बनाकर 10 माह तक सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि पीडि़त परिवार दर-दर ठोकर खा रहा है। यह आरोप है मवाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला का। सामूहिक दुष्कर्म पीडि़त महिला ने शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पर इंसाफ न मिलने की दशा में इच्छा मृत्यु की मांग कर दी। पीडि़ता ने एक विधायक पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। यहां कमिश्नरी चौराहे पर अपनी पीड़ा बयां कर रही महिला को महिला थाने की पुलिस अपने साथ ले गई।

पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

पीडि़ता ने बताया कि बहसूमा निवासी आरोपी विकुल, आकाश ने उसकी फेसबुक और इंस्ट्राग्राम पर फर्जी आईडी बना ली है। जिसके बाद आरोपियों ने डरा-धमकाकर फर्जी शादी कर ली और घर में बंधक बना लिया। 10 माह तक युवती से आरोपियों ने अपने घर पर सामूहिक दुष्कर्म किया, किसी तरह से पीडि़ता के पिता ने पुलिस की मदद से युवती को आरोपियों के चंगुल से छुडाया। आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पीडि़ता दो माह से पुलिस थानों और अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रही है। मामला अफसरों के संज्ञान में आने के बाद तुरंत ही महिला थाना से पुलिस को कमिश्नरी चौराहे पर भेजा और पीडि़ता को अपने साथ जीप में बैठाकर ले गई।