-शहर में बड़ी तादाद में नजर आते हैं बाल मजदूर
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एक दौर था जब 'बचपन मत मुरझाने दो, बच्चों को मुस्कुराने दो' जैसे नारे फिजा में खूब गूंजते थे, लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के ढाबे और गैराजों में बचपन सिसक रहा है और मासूमों के सपने टूट रहे हैं। यह विडंबना है कि जिन हाथों में कलम होनी चाहिए उन हाथों में झूठे बरतन, पॉलिस और हथौड़ी है। काम के बोझ तले बचपन लुटा रहे इन मासूमों पर सबकी नजर पड़ जाती है, लेकिन जिला प्रशासन की नहीं पड़ती।
उम्र छोटी, सपने बड़े
बेतियाहाता रोड स्थित मोहित (बदला हुआ नाम) एक चाय की दुकान पर काम करता है। दुकान पर दिनभर तमाम लोग आते हैं और वह बड़े शौक से सभी को चाय पिलाता है। लोग उसे कभी प्यार से तो कभी झिड़की देकर छोटू कहते हैं। लेकिन उसका असली नाम क्या है, शायद ही किसी को पता हो। जब आई नेक्स्ट की टीम वहां पहुंची और पूछा कि आप किस क्लास में पढ़ते हो? तो एक मासूम सा जवाब आया, आठवीं क्लास में। जब उससे पूछा गया कि क्या बनना चाहते हो? तो जवाब आया कि मुझे मोदी जी जैसा बनना है। पहले मोदी जी भी चाय बेचते थे। हम भी बेचते हैं।
हाथ काला, दिल है साफ
इससे कुछ ही दूरी पर दीवानी कचहरी के बगल में जूता पॉलिश करते सोनू (बदला हुआ नाम) पर नजर पड़ी। बात करने पर पहले तो सोनू ने कुछ नहीं बताया, क्योंकि उसके पिता भी बगल में थे। थोड़ा जोर देने पर बोला, अंकल हम इसी दुकान पर काम करते हैं। भीड़ बढ़ जाने पर साहब लोगों के जूते पॉलिश कर देते हैं। पूछा गया कि आप पढ़ते हो? जवाब आया नहीं। यह सुनते ही आई नेक्स्ट टीम ने उसके पापा से कहा कि आप बच्चे को क्यों नहीं पढ़ने भेजते हैं। इस पर उसके पापा ने आर्थिक तंगी का हवाला दिया। हालांकि बाद में काफी समझाने के बाद आखिरकार सोनू के पापा उसे पढ़ाने को तैयार हो गए।
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'ऑपरेशन मुस्कान' की मुस्कुराहट गायब
प्रदेश सरकार के 'ऑपरेशन मुस्कान' की मुस्कुराहट भी शहर में गायब नजर जाती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक जनवरी से सूबे में शुरू 'ऑपरेशन मुस्कान' के तहत अभी तक गोरखपुर में अब तक सिर्फ 25 बच्चों को ही छुड़ाया गया है। जबकि, हकीकत यह है कि शहर के हर ढाबे, होटल्स, साइकिल दुकान, चाय पान की दुृकान, कल-कारखाने आदि में मासूमों से श्रम कराया जा रहा है।
एनजीओ के सर्वे के अनुसार चाइल्ड लेबर
जिला : चाइल्ड लेबर
कुशीनगर : 1500
गोरखपुर : 781
बस्ती : 400
महराजगंज : 110,
देवरिया : 100
सिद्धार्थनगर: 80
(नोट: कई जगह ऐसे हैं जो सूची में शामिल नहीं थे, लेकिन वहां भी चाइल्ड लेबर हैं.)