-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एसएसएल हॉस्टल में रैगिंग करने वाले सात स्टूडेंट्स एक साल के लिए निष्कासित
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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एसएसएल हॉस्टल में बीए फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग करने वाले सीनियर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाया गया है। रैगिंग में संलिप्त पाए जाने पर हॉस्टल के सात स्टूडेंट्स को वर्तमान एकेडमिक सेशन 2019-20 यानी एक साल के लिए यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया है। यह निर्णय गुरुवार को वीसी प्रो। आरएल हांगलू के द्वारा गठित एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में लिया गया। निष्कासित स्टूडेंट्स को न केवल हॉस्टल से निकाला गया है। बल्कि भविष्य में किसी भी हॉस्टल में एडमिशन से भी बैन करने का डिसीजन लिया गया है।
निष्कासित स्टूडेंट्स का नाम
1. आदित्य सिंह, बीए तृतीय वर्ष
2. विशाल यादव, बीए तृतीय वर्ष
3. नीलेश कुमार अग्रहरि, बीए तृतीय वर्ष
4. आनंद कौशल सिंह, बीए तृतीय वर्ष
5. अवनीश यादव, बीए द्वितीय वर्ष
6. उत्तम त्रिपाठी, बीए तृतीय वर्ष
7. संजय पाल, बीए द्वितीय वर्ष
बॉक्स
यह बना आधार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एंटी रैगिंग पोर्टल पर भुक्तभोगी स्टूडेंट्स की शिकायत और स्टूडेंट्स द्वारा शिकायती पत्र के आधार पर एंटी रैगिंग कमेटी ने आरोपी स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की। इसे गुरुवार को हुई कमेटी की बैठक में सदस्यों ने रैगिंग के रेगुलेशन के अनुसार दंडनीय अपराध माना।
तत्काल प्रभाव से आदेश लागू
कमेटी की बैठक में हुए निर्णय के अनुसार सातों आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इतना ही नहीं हॉस्टल के स्टूडेंट्स के रूप में उनका एडमिशन निरस्त कर दिया गया है। इसकी जानकारी कमेटी की ओर से एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा, एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव, एडीएम सिटी व विवि प्रशासन के आला अधिकारियों को दी गई है।
वर्जन
रैगिंग के भुक्तभोगी स्टूडेंट्स द्वारा की गई शिकायतों और आरोपी सातों स्टूडेंट्स द्वारा दिए गए जवाब पर एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों के बीच विमर्श किया गया। रैगिंग के नियमों के अन्तर्गत सातों को दोषी पाया गया है। इसलिए सभी स्टूडेंट्स को एक साल के लिए निष्कासित करने का फैसला लिया गया है। दोषियों को हमेशा के लिए हॉस्टल में प्रतिबंधित भी किया गया है।
-प्रो। राम सेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर इविवि