- मिर्जामुराद में ऑटो चालक ने फांसी लगाकर दी जान, मुंबई में था ऑटो ड्राइवर

- परमिट खत्म होने के बाद घर लौटकर आने के बाद से था तनाव में

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : <द्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र> मिर्जामुराद के गौर रानेचट्टी गांव में रहने वाले एक ऑटो ड्राइवर ने बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों के मुताबिक मृतक कई दिनों से मेंटली डिस्ट‌र्ब्ड था।

पिता गए थे टिकट लेने

गौर गांव निवासी रेलवे से रिटायर्ड हरिशंकर त्रिपाठी के दो बेटों में छोटा बेटा अरुणकांत कुछ सालों से मुंबई में रहकर ऑटो चलाकर भरण पोषण करता था। ऑटो का परमिट खत्म होने के बाद उसने इसे बढ़वाने का काफी प्रयास किया लेकिन जब परमिट की डेट नहीं बढ़ी तो वह एक महीने पहले घर वापस आ गया। घर आने के बाद कोई काम-धंधा न होने से वह आएदिन परेशान रहता था। जिसके कारण बेटे को तनाव में देखकर कुछ रुपयों की व्यवस्था कर पिता उसे मुंबई भेजने के लिए टिकट लेने चले गए। अरुणकांत की पत्‍‌नी सीमा घर के कामों में जुटी थी। इस बीच तनाव में चल रहा अरुणकांत अपने कमरे में गया और अंदर से दरवाजा बंद करने के बाद पंखे की कुंडी के सहारे गमछे से फांसी लगा ली।

'पापा को क्या हुआ है?'

इधर घर के काम में बिजी पत्‍‌नी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और कमरे में नहीं गई। इस बीच थोड़ी देर बाद जब अरुणकांत का बड़ा बेटा नीलेश स्कूल से घर पहुंचा तो पापा को खोजते-खोजते कमरे में जा पहुंचा। कमरा बंद होने पर उसने पापा को आवाजें लगाई लेकिन अंदर से कोई जवाब न मिलने पर उसने कमरे की खिड़की से कमरे में झांका तो उसके मुंह से चीख निकल पड़ी। चीखते हुए वह भागकर अपने ताऊ राजेश के पास गया और बताया कि पापा फंदे से लटके हुए हैं। यह सुनते ही परिजन भागते हुए मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी।