-पुराने लॉक को हैंडल में झटका मारकर करते थे बाइक चोरी

-तीन ऑटो लिफ्टर गिरफ्तार, चोरों के पास से 20 टू-व्हीलर बरामद

BAREILLY: आपकी बाइक का लॉक पुराना हो चुका है, तो तुरंत इसे बदलवा दें, नहीं तो 500 रुपए बचाने के चक्कर में 50 हजार की बाइक ही न गवां बैठें। ऑटो लिफ्टर गैंग पुराने लॉक वाले टू-व्हीलर को ही अधिकतर निशाना बना रहे हैं। क्योंकि पुराने लॉक आसानी से किसी भी चाबी या कील से खुल जाते हैं या फिर हैंडल को एक पैर से झटका मारकर तोड़ देते हैं। क्राइम ब्रांच के हत्थे ऐसा ही गैंग चढ़ा है। पुलिस ने तीन ऑटो लिफ्टर पकड़े हैं, जिनके पास से चोरी की 20 बाइक बरामद हुई हैं। वाहन चोरों में एक होमगार्ड का बेटा है और एक चोर वन दरोगा का बेटा और सिपाही का भाई था, जिसे पुलिस के द्वारा पकड़ने के बाद छोड़ देने की बात सामने आयी है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

मौजमस्ती के लिए वाहन चोरी

एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि क्राइम ब्रांच ने मुखबिर की सूचना पर 10 फरवरी को डोहरा रोड से मेडिकल कॉलेज रोड पर तीन वाहन चोरों को पकड़ा। उनके पास से चोरी की 4 बाइक बरामद हुई। पुलिस पूछताछ में चोरों की पहचान गरेम हाफिजगंज निवासी मनोज कुमार, औरंगाबाद हाफिजगंज निवासी आकाश पटेल और गंगापुर बारादरी निवासी हर्ष उर्फ घोंचू के रूप में हुई है। मनोज गंगवार, बीए फ‌र्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। वहीं, आकाश पटेल 11वीं का छात्र है। उसके पिता जानकी पटेल बारादरी थाना में होमगार्ड हैं। हर्ष बारादरी थाना का हिस्ट्रीशीटर है। मनोज की कॉलेज में ही गर्लफ्रेंड है। वह मौजमस्ती के लिए वाहन चोरी करते थे।

अलग-अलग एरिया से करते थे चोरी

पुलिस पूछताछ में चोरों ने बताया कि वह शादी समारोह स्थल व अन्य भीड़-भाड़ वाले एरिया से बाइक चोरी करते थे। वह उस बाइक को टारगेट करते थे, जिसका लॉक पुराना यानि खराब होता था। क्योंकि इस तरह के लॉक आसानी से खुल जाते थे। इसके अलावा जो बाइक चाबी से नहीं खुलती थीं, उनका लॉक हैंडल में पैर से मारकर तोड़ देते थे। उसके बाद नीचे दो तारों को जोड़कर बाइक को स्टार्ट कर लिया जाता था। ज्यादातर हीरो होंडा की बाइक की लॉक जल्दी खराब होती है। पुलिस ने जो बाइक बरामद की उनमें अधिकतर इसी कंपनी की बाइक हैं, इनमें तीन स्कूटी भी हैं।

5 से 6 हजार में बाइक की बिक्री

बाइक चोरी करने के बाद रूरल एरिया में जाकर छिपा देते थे। उसके बाद गांव के लोगों को सस्ते दाम 5 से 6 हजार की कीमत में बाइक बेच देते थे। जिन बाइक में कागज होते थे, उन्हें दे दिया जाता था। कई बार लोग कागज की डिमांड भी नहीं करते थे। बाइक की नंबर प्लेट बदल दी जाती थी और रूरल एरिया में ही चलने के कारण बाइक पकड़ी भी नहीं जाती थीं। चोरों ने बताया उन्होंने इज्जतनगर, नवाबगंज, बारादरी, कोतवाली और सुभाषनगर एरिया से बाइक चोरी की थीं।

पीलीभीत में कटती हैं बाइक

चोर कुछ बाइक पीलीभीत में कटने के लिए भी भेज देते थे। वहां पर तस्लीम मिस्त्री बाइक के पा‌र्ट्स अलग-अलग करता था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दी, लेकिन पता चला कि वह बीमार है और लखनऊ में एडमिट है। पीलीभीत का बॉर्डर नेपाल से सटा हुआ है, जिससे आशंका है कि चोरी की बाइक को नेपाल में भी सप्लाई किया जा रहा होगा।

तो क्या छोड़ दिया दरोगा के बेटे को

पुलिस पूछताछ में मनोज व आकाश ने बताया कि गैंग का सरगना रिंकू उर्फ रंजीत है। पुलिस ने रंजीत की निशानदेही से ही चोरी की अधिकतर बाइक बरामद की हैं। उसके पिता वन दरोगा हैं। उसका भाई सिपाही है और भाभी बैंक में है। बताया जा रहा है कि बदनामी के चलते उसे पकड़े जाने के बाद दबाव में छोड़ दिया गया। चोरों ने बताया कि इस धंधे में आसिफ भी शामिल है। वह चारों कभी एक साथ तो कभी दो-दो के हिस्से में जाकर बाइक चोरी करते थे।