RANCHI: सिटी में ऑटो राज के कारण आम आदमी की परेशानी बढ़ गई है। सड़क पर पब्लिक से ज्यादा ऑटो ही नजर आते हैं। हर चौक-चौराहे पर ऑटो वालों की भरमार है। इससे आम पब्लिक को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऑटो वालों की मनमानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। रातू रोड चौराहा, कचहरी चौक, पिस्का मोड़, पुरुलिया रोड, लालपुर चौक, एचबी रोड, कांटाटोली चौक, सुजाता चौक व जेल चौक समेत सभी सड़कों पर ऑटो ही ऑटो नजर आते हैं। जितने ऑटो को सड़क पर चलने की परमीशन है उससे तीन गुना अधिक ऑटो सड़कों पर दौड़ रहे है। सड़क पर जाम लगने की सबसे बड़ी वजह ये ऑटो ही है। ऑटो चालक सवारी बिठाने के लिए सड़क पर ऑटो खड़ी करते हैं। इससे रोड के आधे से अधिक हिस्से पर उनका कब्जा होता है। जबकि नियमत: अंडर वाइट लाइन ही ऑटो खड़ी करने की अनुमति है। इसके बावजूद ऑटो चालक इसे मानते नहीं और न ही ट्रैफिक डिपार्टमेंट या नगर निगम इनपर कोई कार्रवाई कर रहा है।

सिटी की छवि हो रही खराब

रेलवे स्टेशन पर हालत और भी ज्यादा खराब है। स्टेशन में जहां-तहां अपनी ऑटो खड़ी रखते हैं। स्टेशन से सवारी के बाहर आते ही ये उनकी ओर कूद पड़ते हैं। इससे राज्य के बाहर से आने वाले गेस्ट की नजर में भी अपनी सिटी की छवि खराब हो रही है। स्टेशन रोड से गुजरने वाले लोगों को भी परेशानी झेलना पड़ती है। स्टेशन के बाहर गाडि़यों की पार्किग के लिए जगह तय है। लेकिन ऑटो चालक नो पार्किंग में ही अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं। स्टेशन पर तैनात रेल पुलिस भी इन्हें कुछ नहीं कहती।

2500 को परमिट, चल रहे दस हजार

राजधानी में लगभग 2500 ऑटो को ही चलने का परमीट प्राप्त है। लेकिन दस हजार से भी अधिक ऑटो रांची की सड़कों पर दौड़ रहे है। कई ऑटो ऐसे भी हैं, जिनक परमीट अवधि इस साल खत्म होने वाली है। सभी अवैध ऑटो बेधड़क सड़कों पर चल रहे हैं। इन्हें ट्रैफिक पुलिस का भी सरंक्षण प्राप्त है। अवैध रूप से चलने वाले ऑटो में अधिकतर ऐसे हैं, जो पूरी तरह जर्जर हो चुके है। इन ऑटो से काला धुआं भी निकलता है, जो एंवायरमेंट के लिए खतरनाक होता है।