- ऑटो में लगातार हो रही वारदातें पर एक्शन नहीं, साढ़े 4 हजार से अधिक ऑटो का अब तक नहीं हुआ वैरीफिकेशन

बरेली। क्राइम में शामिल ऑटो ड्राइवर्स पर लगाम कसने के लिए पुलिस कई बार बड़ी-बड़ी प्लानिंग और दावे कर चुकी है लेकिन सब कागजी रिकॉर्ड तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। यही वजह है कि बार-बार ऑटो वाले वारदातों को अंजाम देते हैं। दो महीने पहले एसपी सिटी ने आरटीओ ऑफिस से शहर में रजिस्टर्ड सभी ऑटो का रिकॉर्ड मंगाया था। इन सभी ऑटो के पुलिस वैरीफिकेशन की जिम्मेदारी सभी थानों और चौकियों को दी थी, लेकिन किसी ने इस पर अमल ही नहीं किया। यही वजह है कि ऑटो ड्राइवर्स लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

ऑटो से लैपटॉप व बैग चोरी

शाहजहांपुर के सिटी पार्क निवासी आशुतोष नंदा 25 जनवरी को सैटेलाइट बस अड्डे से संजय नगर जाने के लिए ऑटो में सवार हुए थे। ऑटो में एक युवक पहले से बैठा था। उन्होंने अपना बैग ऑटो में रखा था। संजय नगर में जब वह उतरे तो ऑटो में रखा बैग गायब था। बैग में लैपटॉप व अन्य सामान था। उन्हें शक है कि ऑटो वाले की मिलीभगत से बैठी सवारी बैग लेकर फरार हो गई। जब वह रिपोर्ट लिखाने गए थे तो पुलिस ने गुमशुदगी लिखाने की सलाह दी थी। करीब एक महीने पहले सैटेलाइट बस अड्डे पर ही एक महिला का बैग ऑटो वाला लेकर फरार हो गया था। बैग में ज्वैलरी थी, इसकी रिपोर्ट भी पुलिस ने नहीं लिखी थी।

थाना-चौकी ने नहीं की कार्रवाई

ऑटो में वारदातों रोकने के लिए दो महीने पहले एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने आरटीओ ऑफिस से सभी ऑटो का रिकॉर्ड मंगाया था। इसके लिए ऑटो और मालिक की डिटेल मिली थी। एसपी सिटी ने संबंधित थाना और चौकी को उसके एरिया में रहने वाले ऑटो मालिक के पते पर जाकर सभी ऑटो का वैरीफिकेशन के आदेश दिए थे। इसके तहत ऑटो मालिक की डिटेल के साथ उसके ड्राइवर की पूरी डिटेल कलेक्ट करनी थी। सभी को लिस्ट भी दी गई, लेकिन किसी ने वैरीफिकेशन शुरू ही नहीं किया।

पहले के सभी प्रयास फेल

ऑटो से होने वाली वारदातों को रोकने के लिए पहले भी कई बार प्रयास किए जा चुके हैं। लाल फाटक पर महिला से रेप की कोशिश और लूट की वारदात के बाद सभी ऑटो का वैरीफिकेशन कराने की कार्रवाई हुई। ऑटो ड्राइवर्स के साथ मीटिंग हुई और ऑटो में नंबर से पहचान के लिए स्टीकर भी लगाए गए और सभी को वर्दी पहनने के लिए बोला। सिर्फ 200 ऑटो में स्टीकर लगाने के बाद अभियान ठप हो गया। एक बार फिर से जब सुभाषनगर में ऑटो में रेप की वारदात हुई तो फिर से वही प्रोसेस अपनाई गई, लेकिन नतीजा वही रहा। कई बार के प्रयास के बाद वैरीफिकेशन सिर्फ 600 का ही हो सका।

अब फिर जंक्शन से शुरुआत

थाना-चौकी के द्वारा वैरीफिकेशन न करने के बाद एक बार फिर से अभियान स्टेशन चौकी तक आकर सिमट गया है। अब एक बार फिर से स्टेशन रोड चौकी को रेलवे जंक्शन से गुजरने वाले ऑटो के वैरीफिकेशन की जिम्मेदारी दे दी गई है। इसके लिए एक रजिस्टर भी तैयार करने के लिए बोला है। अब देखना होगा कि यह अभियान कब तक चलेगा और कितने ऑटो का वैरीफिकेशन हो सकेगा।

अवैध ऑटो भी संचालित

शहर में करीब आठ हजार ऑटा और टेम्पो है, जिनमें से सिर्फ साढ़े चार हजार के पास ही परमिट है। बाकी बगैर परमिट के दौड़ रहे हैं। ऐसे में इन ऑटो से कोई वारदात हो तो इनको पकड़ना काफी मुश्किल है। इसके अलावा ऑटो-टेंपो की चौराहे पर भी दादागिरी किसी से छिपी नहीं है, इनकी वजह से चौराहे जाम रहते हैं।

बड़ी वारदातों में ऑटो वाले शामिल

-लाल फाटक पर महिला के साथ रेप और लूट की कोशिश

-सुभाषनगर में टेंपों में महिला की रेप के बाद हत्या

-कैंट में चलते ऑटो में छात्रा से छेड़छाड़, मारपीट

-चौपुला से छात्रा का अपहरण, नकटिया में छोड़ा

-चौपुला से ऑटो में महिला को ले जाकर नकटिया में गैंगरेप

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ऑटो के वैरीफिकेशन के लिए रिकॉर्ड तैयार किया था। थाना-चौकी को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से वैरीफिकेशन नहीं हो सका। अब स्टेशन चौकी से शुरूआत की जाएगी।

अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी

ऑटो वाले कर रहे क्राइम