रिज़्यूमे तैयार करते वक्त अधिकांश लोग फैंसी शब्दों या कहें रिझाने के लिए विशेषणयुक्त शब्दों का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही करते हैं. इसका इस्तेमाल ज़्यादातर लोग नियोक्ताओं को लुभाने के लिए करते हैं.

क्या वाकई नियोक्ताओं पर इसका असर होता है? अगर आपको लगता है कि इन शब्दों का असर होता है तो सावधानी बरतिए. क्योंकि फैंसी शब्दों के इस्तेमाल का नियोक्ताओं पर उल्टा असर होता है, वे ठिठक जाते हैं.

इस नतीजे तक पहुंचने के लिए हमने एक ख़ास साइट क्योरा की मदद ली जो एक तरह से सवाल-जवाब पर आधारित वेबसाइट है. हमने इसके जरिए यह जानने की कोशिश की कि रिज़्यूमे में इस्तेमाल होने वाला सबसे ग़ैर ज़रूरी और ख़राब शब्द कौन सा है.

सबसे बेकार शब्द

इस सवाल के जो जवाब मिले हैं, वो कुछ इस तरह से हैं.

नौकरी चाहिए तो रिज़्यूमे में ये ना लिखें

एंजेला लियू ने बताया, "नियोक्ता के तौर पर हमारे पास रिज़्यूमे का ढेर जमा हो जाता है. इनमें उन फैंसी शब्दों का इस्तेमाल बहुत ज़्यादा है, जिन्हें हम पसंद नहीं करते."

एंजेला के मुताबिक रिज़्यूमे में जिन शब्दों की कोई ख़ास उपयोगिता नहीं होती है वो हैं- सॉफ्ट स्किल्स, टीम प्लेयर, मल्टीटास्क, तेज़ी से सीखने वाला यानी क्विक लर्नर, ग्रेट कम्युनिकेशन स्किल (संवाद की बेहतरीन काबिलियत), जिम्मेदार, जरूरत के मुताबिक (एज रिक्वायर्ड).

लियू ने लिखा है, "अगर आप सॉफ्टवेयर डेवलपर हों या फिर बिज़नेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव तो फिर आपकी सॉफ्ट स्किल्स की कोई अहमियत नहीं है. हमें उन शब्दों की कोई ज़रूरत नहीं होती है जो ये नहीं बता सके कि आप किस तरह से अलग हैं. हालांकि इसका मतलब ये भी नहीं है कि सॉफ्ट स्किल्स और रिझाने वाले शब्दों का सब पर ख़राब असर ही होता है."

हालाँकि लियू बताती हैं कि आवेदन करने वाले अपनी भावनात्मक बुद्धिमता का इस्तेमाल कर सकते हैं.

लियू कहती हैं, "इसके ज़रिए हमें नौकरी की तलाश कर रहे शख़्स की सच्ची आवाज़ सुनाई दे जाती है. हम उसमें से सच चुन लेते हैं."

लियू एक उदाहरण भी देती हैं-

"चीजें कैसे काम करती हैं, यह मैंने 9 साल की उम्र से देखा है. चीजें कैसे काम करती हैं ये जानने में मुझे मज़ा आता है. मुझे अपने कौशल पर गर्व भी है. इन दिनों मैं वेब एप्लीकेशन बना रहा हूं, जिसके पीछे काफी बड़ा उद्देश्य है. मुझे बहुभाषी शब्द पसंद नहीं हैं, लेकिन ये मुझ पर सटीक बैठता है. मैं तकनीकी तौर पर संशयवादी हूं और कई अन्य कौशल सीखने में समय व्यतीत करता हूं."

असर कम करने वाले शब्द

नौकरी चाहिए तो रिज़्यूमे में ये ना लिखें

वहीं, करियर सलाहकार इरिन ब्रेकरी रॉवनर बताती हैं, "वेरियस शब्द का इस्तेमाल रिज़्यूमे में सबसे ज़्यादा होता है. इसका इस्तेमाल विशेषण के तौर पर होता है, लेकिन यह आपके गुणों को कम कर देता है."

रॉवनर के मुताबिक, "ज़्यादातर लोग डिफरेंट शब्द की जगह वेरियस का इस्तेमाल करते हैं. लोग लिखते हैं कि मैंने वेरियस प्रोजक्ट पर काम किया है. वे काम का विवरण नहीं लिखते है, बस वेरियस लिख डालते हैं."

रॉवनर सलाह देती हैं कि वेरियस शब्द को रिज़्यूमे से हटा देना चाहिए. वह कहती हैं, "आपने जिन प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, उसके बारे में बताइए. अगर आपको वेरियस शब्द का इस्तेमाल करना ही हो तो उसकी जगह दूसरे शब्द का इस्तेमाल कीजिए."

वहीं, जिम ब्रोआइल्स कहते हैं कि रिज़्यूमे में वेरी शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए. वे कहते हैं, "वेरी शब्द का इस्तेमाल तो रिज़्यूमे और किसी तरह के पेशेवर संवाद में नहीं करना चाहिए. इससे संवाद को कोई फ़ायदा नहीं होता, केवल आपकी अतिशयोक्ति जाहिर होती है."

इनसे बचना चाहिए

नौकरी चाहिए तो रिज़्यूमे में ये ना लिखें

हालाँकि रिज़्यूमे के लिए आपको ख़ुद को प्रमोट करना बेहद अहम होता है, लेकिन कुछ शब्द काफी एरोगेंट यानी दंभ भरे लगते हैं. इनमें शामिल हैं- विज़नरी, एक्सपर्ट, फ्यूचरिस्ट, मास्टर माइंड, गो-गेटर, चेंज एजेंट.

जिम ब्रोआइल्स के मुताबिक विज़नरी शब्द को ही लें तो ये किसके सापेक्ष है, इससे केवल बताने वाले का अहंकार का भाव जाहिर होता है.

इतना ही नहीं, सिनर्जी और इससे जुड़े अन्य शब्दों के इस्तेमाल का भी रिज़्यूमे में कोई फायदा नहीं होता है.

ब्रायन हेनेस्सी कहते हैं, "इन शब्दों का इस्तेमाल दस साल पहले स्मार्ट माना जाता था. कॉकटेल पार्टियों में और कारोबारी बैठकों में ये सुनाई पड़ता है. इसके बाद हर रिज़्यूमे में इसका इस्तेमाल नज़र आता है."

हेनेस्सी कुछ उदाहरण देते हुए, इससे बचने की सलाह देते हैं-

विभागीय संसाधनों के बीच सिनर्जी के लिए ज़िम्मेदार, कंपनी के निर्देशों की सिनर्जी को क्रियान्वित किया, सभी कर्मचारियों की सिनर्जी को विकसित किया, बढ़ाया और उसे बनाए रखा.

क्या है अहम?

नौकरी चाहिए तो रिज़्यूमे में ये ना लिखें

हेनेस्सी के मुताबिक इस शब्द का इस्तेमाल रेस्तरां और हॉस्पिटलिटी सेक्टर की नौकरियों में बहुत ज्यादा होता है.

नेड होरवाथ ने मुताबिक अपेक्षाकृत उम्रदराज लोग अपने रिज़्यूमे में प्रॉब्लम सॉल्वर शब्द का इस्तेमाल करते हैं. वे कहते हैं, "ऐसे लोग अपने रिज़्यूमे में लिखते हैं उनकी कुशलता अत्याधुनिक नहीं है, लेकिन अपने अनुभव के चलते वे सामान्य तौर में उपयोगी भूमिका निभा सकते हैं."

नौकरी चाहिए तो रिज़्यूमे में ये ना लिखें

ऐसे लोगों को सलाह देते हुए होरवाथ कहते हैं कि इंटरनेट पर इतना कुछ स्व-शिक्षा का संसाधन उपलब्ध है, कई सलाह समूह भी काम कर रहे हैं लिहाजा उन्हें खुद को आधुनिक क्षमता से निपुण करना चाहिए.

(क्योरा पर जवाब देने वालों को साइट की वास्तविक नाम देने की नीति के चलते अपना नाम देना होता है. गुणवत्ता और वैधता की जांच के लिए क्योरा उन विशेषज्ञों से उनके क्षेत्र के कुछ सवाल पूछता है.)

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