जरा सी लापरवाही से पनपते हैं फाइलेरिया के मच्छर

स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को होगा दवा का निशुल्क वितरण

ALLAHABAD: समय रहते इलाज नहीं कराया तो यह बीमारी लाइलाज होकर जीवनभर का दर्द दे सकती है। आज भी बड़ी संख्या में लोग इससे पीडि़त हैं। बात हो रही है फाइलेरिया की। इसे साइलेंट किलर भी कहा जा सकता है। मच्छर का डंक लगने के बाद लंबे समय तक बीमारी का आभास नहीं होता। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करने की तैयारी कर ली है और बुधवार को लाखों लोगों को फाइलेरिया की निशुल्क दवा बांटी जाएगी।

रात में कराएं खून की जांच

फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी को फैलाने वाले परजीवी रात में सक्रिय होते हैं, इसलिए बीमारी की पहचान के लिए खून की जांच रात में कराई जानी चाहिए। परजीवी की पहचान हो जाने के बाद 12 दिनों तक बीमारी की दवा नियमित रूप से खानी पड़ती है। यह बीमारी मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। इस बीमारी से पीडि़त लोगों को हाथी पांव बीमारी से ग्रसित पाया जाता है। जानकारी के अभाव में इस बीमारी की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग को रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है।

फाइलेरिया के लक्षण

जाड़ा देकर तेज बुखार आना

हाथ-पैर की नसों का फैलना

दर्द का होना, जांघ में गिल्टियों का उभर आना

हाथ, पैर, अंडकोष, स्तन और गुप्तांग आदि में सूजन आना

पेशाब में सफेदी आना

क्या है कारण

फाइलेरिया सूक्ष्म परजीवी वुचरेरिया वैन्क्रोफ्टाई की वजह से होता है।

यह परजीवी मरीज के खून में क्यूलेक्स फैटीगन्स मादा मच्छर के काटने से पहुंचता है।

यह मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं, इसलिए घर के आसपास जलभराव न होने दें।

बीमारी से बचाव के लिए डीईसी और एलबेंडाजोल गोली का नियमित बारह दिनों का सेवन करना पड़ता है, जो निशुल्क उपलब्ध है।

स्वास्थ्य विभाग चलाएगा

फाइलेरिया दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से वृहद अभियान चलाया जाएगा। बुधवार को लोगों को निशुल्क दवा वितरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 43 लाख और शहरी क्षेत्र में 14 लाख लोगों का लक्ष्य रखा गया है। इनको दवा बांटने की जिम्मेदारी 22995 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर्स को सौंपी गई है। इसके अलावा विभाग आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी और स्वयं सेवकों के माध्यम से दवा का वितरण कराएगा। डॉक्टरों का कहना है कि दो साल से कम और गर्भवती महिलाओं के लिए दवा प्रतिबंधित है। खाली पेट दवा नहीं खानी चाहिए।

फाइलेरिया दिवस पर लोगों को जागरुक करने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। विभिन्न केंद्रों पर खून की जांच के लिए स्लाइड बनाई जा रही है। दवाओं के वितरण के लिए टीम गठित की गई है। अगर कोई अपनी जांच कराना चाहता है तो जिला मलेरिया विभाग भी आ सकता है।

केपी द्विवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी, इलाहाबाद