बरती गई एहतियात

- 2900 डिजिटल वॉलिंटियर्स थे सक्रिय

- 2000 ग्रुप्स पर थी पुलिस की नजर

- 10 पुलिस मित्र हर गांव में थे तैनात

- 05 टीमों की सोशल मीडिया पर थी नजर

- 27 खुराफातियों के फेसबुक अकाउंट थे बंद

- डिस्ट्रिक्ट को दो सुपर जोन, 8 जोन, 30 सेक्टर और 148 सब सेक्टर में बांटा गया था।

- दो हजार कांस्टेबल्स किए गए थे तैनात ढाई कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ भी तैनात रही।

- कमिश्नर के साथ एसएसपी, डीएम और सीओ फ‌र्स्ट भी हालात का लेते रहे जायजा

- अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले और बाद में शहर में रही शांति, पेश की भाईचारे की मिसाल

- लोग बोले, विवाद अब गुजरे जमाने की बात, अब विकास की होगी बात

बरेली। अयोध्या की विवादित भूमि पर सैटरडे को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ ही गया। लेकिन, इससे बरेलियंस के दिलों में कोई फासला पैदा नहीं हुआ। लोगों ने आपसी सौहार्द कायम रख शांति का संदेश दिया। उनका मानना था कि सदियों पुराने इस मामले के निपट जाने से अब देश में विकास की बात होगी। हालांकि फैसला आने से पहले बरेली सिटी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। बाजार बंद थे। छुट्टी होने से स्कूल बंद थे। सड़क से लेकर गलियों में सिर्फ पुलिस तैनात थी। जबकि फैसला आने के बाद लोग रोज की तरह घरों से बाहर निकले। बाजार खुल गए। हालांकि चाय की दुकान से लेकर लोगों के घरों में सिर्फ इस मामले पर आए फैसले की ही चर्चा थी।

सुबह सन्नाटा, दोपहर में रौनक

सुबह 10.30 बजे के बाद फैसला आते ही शहर का मिजाज बदलने लगा। यह हर दिन की तरह की दिनचर्या की तरह आने लगा। शहर के प्रमुख चौराहों पर आवाजाही बढ़ने लगी। रेलवे जंक्शन पर सुरक्षा के बीच पैसेंजर्स बढ़े तो वहीं, रोडवेज बस अड्डे पर यात्रियों की संख्या बढ़ी हुई दिखी। परचून की दुकानें खुल गई तो वहीं, ऑटो और रिक्शा भी चलने लगे। दोपहर 2 बजे के बाद सन्नाटा खत्म होने लगा और शाम चार बजे तक पूरी तरह से हालात सामान्य हो गए। लोग अपने घरों से हर दिन की तरह निकले और अपने जरूरी कामों को निपटाया। इस बीच दिन भर एक चर्चा रही कि सुप्रीमकोर्ट का फैसला मंजूर है। शहर में पहले भी अमन शांति रही है और इस फैसले के बाद शहर ने मिसाल कायम की है। फैसला आने के बाद बरेलियंस ने रिश्तेदारों को फोन लगाकर उनसे उनके शहर के हालात की भी जानकारी ली।

सोशल मीडिया पर बरता संयम

सोशल मीडिया पर भी बरेलियंस ने पूरा संयम बरता। फैसले के पहले अयोध्या मामले से जु़ड़ा कोई भी विवादित मैसेज या वीडियो वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर अपलोड नहीं किया गया। इतना ही नहीं फैसले आने के बाद लोगों ने उसका स्वागत करते हुए अब इस मामले पर कोई विवाद न होने की कामना की।

फैसला आने से पहले ही डिस्ट्रिक्ट में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई थी। सभी सेंसिटिव एरिया में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। फैसला आने के बाद भी जिले में शांति बरकरार रही।

शैलेष कुमार पांडेय, एसएसपी

प्रशासन मुस्तैद रहा। मैं भी खुद पूरे दिन फील्ड में रहा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोगाें ने स्वीकार किया है। जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने में भी सहयोग रहा।

नितीश कुमार, डीएम