नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अयोध्या में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के मामले में सुनवाई पूरी की और अपना फैसला सुरक्षित रखा। पीठ ने 40 दिनों तक सुनवाई के बाद इस मामले में बहस का निष्कर्ष निकाला। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पक्षकारों को तीन दिन का समय दिया है, इस दौरान वह उन तथ्यों को लिखित में दे सकते हैं, जो निर्णय में सहायक हो सकते हैं। बता दें कि बेंच के अन्य सदस्यों में जस्टिस एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नाजीर शामिल हैं।

6 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस गोगोई ने कहा, 'आज 39 वां दिन है। कल इस मामले में सुनवाई का 40 वां दिन और आखिरी दिन है।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। इसमें विवादित स्थल को तीन भागों में बटा है। कोर्ट जब इस मामले को मध्यस्थता के जरिए से हल करने में विफल रहा तो 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू की। वहीं मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने कहा कि  'गुडविल जेसचर' के रूप में, मुस्लिम अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ जमीन को केंद्र को साैपने के लिए तैयार हैं। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में गठित हुई 3 सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया था। तब पीठ ने अपने फैसले में कहा, 'हमें पैनल के चेयरमैन एफ एम आई कालिफुल्ला की तरफ से रिपोर्ट मिली है। इससे यह पता चला है कि मध्यस्थता की कार्यवाही से कोई फायदा नहीं हुआ है। इसलिए हम 6 अगस्त से हर रोज इस मामले की सुनवाई करेंगे। अब मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है।'

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मुस्लिम पक्षकार के वकील ने फाड़ दिया नक्शा

बता दें कि राम-जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बुधवार को सुनवाई के दौरान अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत किए गए उस नक्शे को फाड़ दिया, जिसमें भगवान राम के सटीक जन्मस्थान को चित्रित किया गया था. धवन ने कोर्ट में नक्शे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह दस्तावेज रिकॉर्ड में नहीं है। अदालत में दस्तावेज को फाड़ने के लिए पांच-जजों की बेंच की अनुमति की मांग करते हुए, धवन ने कहा, ' क्या मुझे इस दस्तावेज को फाड़ने की अनुमति है? क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट है और कोई मजाक नहीं।' यह बात कहने के बाद उन्होंने नक्शा फाड़ दिया।

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