नई दिल्ली (पीटीआई)। Ayodhya Case Verdict 2019 अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार 9 नवंबर को अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर मंदिर बनने और मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि देने का निर्देश दिया है। इसके बाद से देश भर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील कर रहे हैं। जिससे कि देश में शांति व्यवस्था बनी रहे।

भारतीयों के बीच भाईचारे, विश्वास और प्रेम का समय

इस संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से अयोध्या मुद्दे पर फैसला सुनाया है। यह देश में भाईचारे, विश्वास और प्रेम को बढ़ावा देने का समय है। अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया और केंद्र ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया। हर किसी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए और सद्भाव बनाए रखना चाहिए।  यह हम सभी भारतीयों के बीच भाईचारे, विश्वास और प्रेम का समय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि रामभक्ति हो या रहीमभक्ति यह समय हम सभी के लिए भारत भक्ति की भावना को सशक्त करने का है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में फैसले का स्वागत करते हुए इसे मील का पत्थर बताया है। इस मामले के पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्डइकबाल अंसारी ने भी रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इस लंबे चले विवाद के पटाक्षेप की तरह लिया है।

एक सदी से अधिक पुराने विवाद को समाप्त कर दिया

अयोध्या मामला भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित निर्णयों में से एक है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सदी से अधिक पुराने विवाद को समाप्त कर दिया जिसने राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद का निर्माण एक "प्रमुख स्थल" पर किया जाना चाहिए, जिसे केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित किया जाए। वहीं मंदिर के निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए ।

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