नई दिल्ली (एएनआई) ।  राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में अब फैसले की घड़ी आ गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मामले में 40 दिनों की सुनवाई के इस मामले में बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। अब लोगों इस मामले में फैसले का इंतजार है।

17 नवंबर को रिटायर होंगे सीजेआई

उम्मीद है इस मामले में 4 नवंबर से 17 नवंबर के बीच फैसला सुनाया जाएगा, क्योंकि सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं। इस मामले में हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है और यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में 23 दिनों में फैसला आएगा।

40 दिन तक चली मामले की सुनवाई

इस मामले की सुनवाई करने वाली पांच जजों वाली संविधान पीठ में चार अन्य जस्टिस जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, अशोक भूषण, डी वाई चंद्रचूड़ और एस अब्दुल नाजेर शामिल रहे। सुप्रीम कोर्ट  इस साल 6 अगस्त से रोजना मामले की सुनवाई कर रही थी।  40 दिन तक चली इस सुनवाई में विभिन्न पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं।

विवादित भूमि को तीन भागों में बटी थी

सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन भागों में बाटा गया था। राम लल्ला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा के बराबर के तीन भागों में विभाजित किया गया है।

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