अयोध्या (पीटीआई)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने वाले शिलान्यास में बस अब कुछ ही घंटे शेष रह गए हैं। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के लिए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि अयोध्या में होने वाले इस भव्य समारोह में 1992 में देशभर में रामलहर पैदा करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के न आने को लेकर काफी चर्चा हो रही है। लोग इन नेताओं के कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से शामिल होने की खबरों पर अपने-अपने कयास लगा रहे हैं।

व्यक्तिगत रूप से चर्चा के बाद ही निमंत्रण सूची हुई तैयार

इस बीच राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संवाददाताओं से कहा कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ग्राउंडब्रेकिंग समारोह के लिए मेहमानों को आमंत्रित करते समय कई बातों का ध्यान रखा गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, वकील के पराशरन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ व्यक्तिगत रूप से चर्चा के बाद ही निमंत्रण सूची तैयार की गई है। राम मंदिर निर्माण शिलान्यास कार्यक्रम में 175 प्रख्यात अतिथियों में 135 आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़े लोग कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। वहीं शहर के कुछ प्रतिष्ठित नागरिकों को भी आमंत्रित किया गया है।

मंदिर निर्माण शिलान्यास समारोह दोपहर 2 बजे तक चलेगा

इस भव्य समारोह में दिवंगत विहिप नेता अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल यजमान (अनुष्ठान संरक्षक) होंगे। नेपाल के हिंदू द्रष्टाओं को भी आमंत्रित किया गया है क्योंकि जनकपुर के बिहार, उत्तर प्रदेश और अयोध्या के साथ संबंध हैं। राज्य सरकार एक डाक टिकट जारी करेगी, जो मंदिर के डिजाइन पर आधारित है। राय के अनुसार, प्रधानमंत्री परिसर में एक 'पारिजात' का पेड़ लगाएंगे। समारोह दोपहर 2 बजे तक चलेगा। मंदिर के एक शिलालेख का भी उद्घाटन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभू के कपड़ों के रंग पर उठ रहे सवालों पर कहा कि रंग पर बहस बौद्धिक दुर्बलता प्रदर्शित करती है।

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