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AYODHYA/ LUCKNOW : डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का भाजपा खुला समर्थन करती है। यह आंदोलन राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। बड़ी संख्या में मुस्लिम भी राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण चाहते है। तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले दल और कुछ मुस्लिम नेता इसमें बाधा डाल रहे हैं। शिवसेना की पूर्व के आंदोलन में भी कोई भूमिका नहीं थी। बालासाहेब ठाकरे का समर्थन विहिप को अवश्य मिलता रहा है। जन्मभूमि का ताला खोलने से लेकर अब तक अनगिनत आंदोलन हुए जिसमें राम भक्त के नाते विहिप के संगठन मंत्री के रूप में मुझे भी शामिल रहने का मौका मिला था।

सुप्रीम कोर्ट जल्द करे सुनवाई
मौर्य ने कहा कि राम भक्तों की भावना है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द मामले की सुनवाई करे। भाजपा के लिए मंदिर निर्माण कभी चुनावी मुद्दा नहीं रहा। यह पार्टी के लिए आस्था और श्रद्धा से जुड़ा हुआ मामला है। रामलला का टाट में होना राम भक्तों को कचोटता है। इससे वे आक्रोशित हैं। अभी मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है। समझौते का भी कोई रास्ता निकलना जानकारी में नहीं है। जब तक सुप्रीम कोर्ट और समझौते का विकल्प बना है, तब तक संसद में कानून के माध्यम से मंदिर निर्माण के लिए आगे बढऩे अथवा नहीं को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व और कानून के विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को अयोध्या में राम भक्तों की धर्म सभा को लेकर किसी को डरने और भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से तमाम कदम उठाए जा चुके है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए है। सपा, बसपा और कांग्रेस को राम भक्तों से कोई हमदर्दी नहीं है। जब तक मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है तब तक भाजपा अथवा मंदिर निर्माण से जुड़े संगठन तारीख बताने का काम नहीं कर सकते हैं।  

पूरे प्रदेश में दहशत
अयोध्या में जो हालात हैं, उससे पूरे प्रदेश में दहशत है। अयोध्या में हो रहे जमावड़े को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन मिल रहा है। भाजपा अपनी विफलता को छुपाने के लिए अयोध्या का मुद्दा उठा रही है। उसे न तो संविधान पर भरोसा है और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर। भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं। अयोध्या में किसी अनहोनी को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट को मामले का संज्ञान लेना चाहिए।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख 

भाजपा जीतने वाली नहीं
पांच राज्यों और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा जीतने वाली नहीं है इसीलिए वह अपनी विफलताओं को छिपाने और जनता का ध्यान बांटने के लिए तय रणनीति के तहत अयोध्या में पर्दे के पीछे से साधु-संतों, आरएसएस और शिव सेना आदि को आगे करके बड़े पैमाने पर राम मंदिर निर्माण का अभियान चला रही है। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मेरी सलाह है कि इसे सुप्रीम कोर्ट के जरिए ही निपटाना चाहिए।
मायावती, बसपा सुप्रीमो

राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए

आश्चर्य है कि अयोध्या में धारा-144 लागू होने के बाद भी भीड़ को एकत्र होने दिया जा रहा है। किसी भी कीमत पर विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवलेहना नहीं होनी चाहिए। अगर राज्य व जिला प्रशासन स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए।
शिवपाल सिंह यादव, अध्यक्ष, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी

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