- अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अध्यक्ष डीके कोटिया ने की समीक्षा

- 32 लाख लोगों का बना गोल्डन कार्ड, 37 करोड़ रुपए स्वीकृत

DEHRADUN: आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े सामने आने के बाद थर्सडे को अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अध्यक्ष डीके कोटिया ने योजना की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जो हॉस्पिटल उच्च स्तर का उपचार मरीजों को देंगे उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा. स्वास्थ्य महानिदेशालय में समीक्षा के दौरान बताया गया कि अभी तक लगभग 32 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बना दिए गए हैं. विभिन्न अस्पतालों के माध्यम से राज्य के 38177 मरीजों को सूचीबद्ध निजी और सरकारी हॉस्पिटल में उपचार दिया गया है. इन मरीजों के संबंध में विभिन्न पैकेज की लगभग 37 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमोदित की गई है.

स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट पहले नंबर पर

बताया गया कि योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अधिकांश हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है. जिसके अंतर्गत राज्य के सर्वाधिक उपचार करने वाले 10 निजी और सरकारी हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या का विवरण प्रस्तुत किया गया. प्रमुख हॉस्पिटल में स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट द्वारा सबसे अधिक 6992 मरीजों को उपचार दिया गया. जिस पर योजना द्वारा लगभग 6 करोड़ 72 लाख रुपए अनुमोदित किए गए. दूसरे नम्बर पर एम्स ऋषिकेश है, जिसमें 3700 मरीजों को उपचार दिया गया, जबकि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 3635 मरीजों को उपचार दिया गया जो तीसरे नंबर पर रहा. इसके अतिरिक्त राजकीय दून मेडिकल कॉलेज कॉलेज द्वारा 1172, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी द्वारा 2060 और बेस अस्पताल हल्द्वानी 1057 मरीजों को उपचार दिया गया. अभी तक सर्जरी के लिए सबसे अधिक 14536 मरीजों द्वारा योजना का लाभ लिया गया है. हृदय रोग और हृदय रोग संबंधित सर्जरी के लिए 802 मरीज उपचारित हुए हैं, 1374 कैंसर रोगियों का उपचार हुआ है. इसके अतिरिक्त हड्डी रोग से संबंधित एवं मल्टीपल फ्रैक्चर के 1614 मरीजों को योजना के तहत उपचार दिया गया है. कोटिया के अनुसार चमोली से 1252, पौड़ी से 2175, पिथौरागढ़ से 1017, टिहरी गढ़वाल से 2310 और उत्तरकाशी से 1223 मरीजों ने योजना से उपचार लिया है.