- डेढ़ माह बाद भी आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने के लिए पब्लिक में मारामारी

- कार्ड होल्डर को आसानी से नहीं मिल पा रही फ्री मेडिकल फैसिलिटी

- राशन कार्ड की खामी से कई लोगों के नहीं बन पा रहे गोल्डन कार्ड

देहरादून, राज्य के 23 लाख परिवारों को आयुष्मान योजना के तहत हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज देने की घोषणा तो सरकार ने कर दी है। लेकिन, फिलहाल योजना की प्रक्रिया को ही रोग लग गया है। पहले तो गोल्डन कार्ड बनना ही काफी मुश्किल साबित हो रहा है, अगर कार्ड बन जाए तो दावे के मुताबिक इलाज नहीं मिल रहा। एक और बीमारी राशन कार्ड की डिजिट है, जो आयुष्मान के पोर्टल पर फीड ही नहीं हो पा रही।

राशन कार्ड अपडेटेशन का सिरदर्द

आयुष्मान योजना के पोर्टल में राशन कार्ड नंबर फीड नहीं हो पा रहे, इसका कारण सभी जिलों में राशन कार्ड नंबर का एक ही सीरीज में होना है। ऐसे में एक नंबर डालते ही 13-13 नाम फ्लैश हो रहे हैं। इसका तोड़ अब राशन कार्ड नंबर को अपडेट करना निकाला गया है। ऐसे में लोगों ने कार्ड अपडेट कराने के लिए डीएसओ ऑफिस के चक्कर काटने शुरू कर दिये हैं। लेकिन, डीएसओ का सॉफ्टवेयर भी दगा दे रहा है और कार्ड अपडेट नहीं हो पा रहे। किसी तरह अगर राशन कार्ड अपडेट हो रहा है तो आयुष्मान का स्लो पोर्टल दिक्कत पैदा कर रहा है। पोर्टल स्लो होने के कारण फीडिंग में टाइम ज्यादा लग रहा है और लोगों के कार्ड देरी से बन रहे हैं।

23 लाख परिवारों के लिए है योजना

केन्द्र द्वारा आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना प्रारम्भ की गई। जिसके अंर्तगत उत्तराखंड के 5 लाख परिवारों को बीमारी के इलाज के लिए प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के निशुल्क मेडिकल फैसिलिटी देने का वादा किया गया। इसको आगे बढ़ाते हुए 25 दिसंबर को उत्तराखंड सरकार ने इसी योजना में प्रदेश के बचे हुए 18 लाख परिवारों को भी शामिल कर दिया। जिसके लिए 2012 तक के राशन कार्ड को आधार माना गया है। इसके लिए अटल आयुष्मान योजना के पोर्टल से गोल्डन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया चल रही है।

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आयुष्मान की तीन बीमारी

गोल्डन कार्ड है, लेकिन इलाज नहीं

24 जनवरी को एक पेशेंट मोहन मिश्रा दून अस्पताल में इलाज करवाने आया। मोहन के पास आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड भी था, लेकिन उसकी दून हॉस्पिटल में कोई जांच नहीं हो पाई न किसी तरह की मेडिकल फैसिलिटी मिल पाई। मोहन मिश्रा ने इसको लेकर नाराजगी जताई।

राशन कार्ड का अपडेटेशन

राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती इन दिनों रोजाना डीएसओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें अपना राशन कार्ड अपडेट कराना है। प्रदीप ने बताया कि पहले तो राशन कार्ड का नंबर सॉफ्टवेयर में अपलोड नहीं हो पा रहा है और न डीएसओ ऑफिस में कोई हेल्प कर रहा है। राशन कार्ड अपडेट न होने से आयुष्मान योजना का कार्ड नहीं बन रहा।

आयुष्मान का पोर्टल सुस्त

दून अस्पताल में मंगलवार को भी आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड बनवाने वालों की लम्बी कतार लगी रही। बताया जा रहा है कि कई दिनों से योजना का पोर्टल स्लो चल रहा है, जिसके कारण सीमित लोगों के ही कार्ड बन पा रहे हैं और उसमें भी काफी वक्त लग रहा है। दून अस्पताल में आयुष्मान की जिम्मेदारी देख रहे दिनेश सिंह रावत ने बताया कि पोर्टल स्लो तो है ही, कई बार क्रैश भी हो रहा है। ऐसे में दिक्कत आ रही है। राशन कार्ड का इश्यू भी है।