राज्यपाल नहीं चाहते

राज्यपाल ही नहीं चाहते हैं कि प्रदेश के नगर निगमों से भ्रष्टाचार समाप्त हो। इसलिए तो विधान सभा में निकाय के 74वें संशोधन को पास करने के लिए भेजा जाता है तो वह बिना हस्ताक्षर के ही लौटा देते हैं। वह प्रदेश के मेयरों के भ्रष्टाचार को रोकना ही नहीं चाहते हैं, इसलिए निकायों के पैसे की कटौती कर दी गई है। राज्यपाल बार-बार सीएम से मेरी शिकायत करते हैं, लेकिन इसका असर मुझ पर कोई नहीं पडऩे वाला है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल का हम सम्मान करते हैं, वह बुजुर्ग हैं, इसलिए उनका नाम आदर के साथ लेते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तब हम मेयर का वित्तीय अधिकार बढाने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि शहर में पानी की बरबादी हुई है, वह गंगाजल तो नहीं है। वहीं गंगा की सफाई पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। केंद्र सरकार को गंगा की सफाई से कुछ भी लेना-देना नहीं है। गंगा की चिंता प्रदेश सरकार को है, इसलिए हम लोग गंगा को बचाने के लिए कार्य कर रहे हैं और प्रदेश की जनता जान भी रही है। मुस्लिम आरक्षण सवाल पर आजम खां ने कहा कि न तो कभी उन्होंने कभी नेता जी ने अठारह फीसद आरक्षण करने की बात कही। मैं कह भी नहीं सकता, काननू का आदमी हूं जानता हूं कि बगैर संविधान में संशोधन हुए ऐसा हो ही नहीं सकता है।

मानसिक रोगी हैं आजम खां: योगी आदित्यनाथ

उधर आजम खां के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सदर सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजम खां अपनी मानसिकता खो चुके हैं। वह प्रदेश के पागल मंत्री के रूप में लगातार अपनी पहचान बना चुके हैं। प्रदेश के सीएम को ऐसे मानसिक रूप से पागल मंत्री को तत्काल हटाकर आगरा के पागलखाने पर भेज देना चाहिए। योगी ने कहा कि आजम प्रदेश के मंत्री पद पर हैं। ऐसे में किसी भी इस तरह के वक्तव्य देना उनकी पद के हिसाब से उनकी अगंभीरता को दर्शाता है।