RANCHI: कल्याण विभाग की ओर से स्कॉलरशिप की रकम घटा दिए जाने का खामियाजा रांची समेत पूरे झारखंड में बीएड डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स भुगत रहे हैं। हाल यह है कि पैसे की कमी की वजह से कई स्टूडेंट्स पढ़ाई बीच में छोड़ने का मन बना रहे हैं। रांची कॉलेज में बीएड डिपार्टमेंट की छात्रा फरहा नाज ने बताया कि ख्0क्म्-क्7 सेशन से हमें मिलनेवाली स्कॉलरशिप की राशि भ्0,000 से घटाकर क्भ्,000 कर दी गई है। इससे पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है। बीएड की पढ़ाई दो वर्ष की होती है। इसमें 7भ्,000 रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से डेढ़ लाख रुपए की फीस देनी होती है। स्कॉलरशिप की रकम के सहारे पढ़ाई की सोची थी, अब कर्ज लेकर पढ़ाई पूरी करने के सिवाय कोई चारा नहीं है। वहीं छात्रा रीशन अहलम ने बताया कि स्कॉलरशिप की उम्मीद में कर्ज लेकर पढ़ाई कर रही थी, अब तो उसका भी सहारा नहीं रहा। वहीं छात्रा प्रियंका कुमारी ने कहा कि विभाग के एक छात्र रवि कुमार ने स्कॉलरशिप की उम्मीद में एडमिशन लिया था। पर अब उसके सामने पढ़ाई छोड़ने की नौबत है, क्योंकि उसके पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं हैं। छात्रा ज्योति कुमारी भी आर्थिक संकट के कारण पढ़ाई छोड़ने का मन बना रही हैं।

प्रोफेशनल को जेनरल कोर्स बताकर घटाया

बीएड डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ एसआर साहू ने बताया कि विभाग में क्00 सीटें हैं। इनमें म्0 से ज्यादा स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप मिलती थी। वर्ष ख्0क्म्-क्7 से कल्याण विभाग ने इसे प्रोफेशनल कोर्स से जेनरल कोर्स बताते हुए स्कॉलरशिप की राशि घटा दी। अब स्टूडेंट्स के सामने दिक्कत हो गई है। जिला कल्याण विभाग के पदाधिकारी से मिलकर स्टूडेंट्स ने अपनी बातें रखीं, पर कुछ नतीजा नहीं निकला। उन्होंने बताया कि रांची में ख्फ् बीएड कॉलेज हैं और उनमें ख्फ्00 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। उनमें से करीब क्भ्00 की स्कॉलरशिप की राशि घटा दी गई है। रांची कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष संतोष उरांव ने बताया कि स्कॉलरशिप की राशि पहले की तरह करने की मांग को लेकर वे कई बार सीएम कार्यालय गए पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं आदिवासी छात्र संघ आरयू के अध्यक्ष संजय महली ने बताया कि सरकार छात्रों के हक पर डाका डाल रही है। झारखंड एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां गरीब छात्र पढ़ते हैं। स्कॉलरशिप की राशि उनके लिए बहुत बड़ा सहारा थी, पर सरकार ने यह सहारा भी छीन लिया। इस मामले में रांची जिला कल्याण पदाधिकारी अर्जुन मांझी ने बताया कि स्कॉलरशिप की राशि सरकार तय करती है। इसमें हमारे स्तर से कुछ नहीं किया गया। जो लिस्ट बनकर आती है वह राशि छात्रों को दे दी जाती है।

क्या कहते हैं स्टूडेंट्स

स्कॉलरशिप की राशि घटाकर सरकार ने जरूरतमंद स्टूडेंट्स के साथ अन्याय किया है। हालत यह है कि गरीब स्टूडेंट के सामने पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई है। सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया तो आदिवासी छात्र संघ आंदोलन करेगा।

-संजय महली, आदिवासी छात्र संघ, रांची यूनिवर्सिटी अध्यक्ष

------------

स्कॉलरशिप की रकम घट जाने से स्टूडेंट परेशान हैं। छात्र कई बार डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर से मिलने भी गये पर कोई नतीजा नहीं निकला। इससे गरीब छात्रों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गयी है।

डॉ एसआर साहू, एचओडी, बीएड डिपार्टमेंट, रांची कॉलेज

--------------

स्कॉलरशिप के लिए सीएम ऑफिस में कई बार ज्ञापन दिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। छात्रों की परेशानी से सरकार को कोई लेना-देना नही है। गरीब छात्र इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।

-संतोष उरांव, अध्यक्ष रांची कॉलेज छात्र संघ

-----------------------

पहले हमें भ्0,000 रुपये की स्कॉलरशिप मिलती थी। अब इसे पंद्रह हजार कर दिया गया है। नतीजा अब कर्ज लेकर पढ़ाई पूरी करने के सिवा और कोई विकल्प नहीं बचा है।

फरहा नाज, स्टूडेंट रांची कॉलेज बीएड डिपार्टमेंट

------------

स्कॉलरशिप की उम्मीद में एडमिशन लिया था, पर अब स्थिति विकट हो गई है। गरीब स्टूडेंट के लिए स्कॉलरशिप की राशि घटना किसी आफत से कम नहीं है। शिक्षा मंत्री को इसपर संज्ञान लेना चाहिए।

रीशन अलहम, स्टूडेंट, रांची कॉलेज बीएड डिपार्टमेंट

------------

स्कॉलरशिप की राशि घटने से गरीब छात्रों की परेशानी घट गयी है। कई छात्र तो पढ़ाई छोड़ने की सोच रहे हैं क्योंकि उनके पास फीस भरने को पैसे नहीं हैं। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए।

-प्रियंका कुमारी, स्टूडेंट, रांची कॉलेज, बीएड डिपार्टमेंट

.बॉक्स का मैटर

भ्.ख्भ् करोड़ की कटौती

रांची कॉलेज के बीएड डिपार्टमेंट में क्00 स्टूडेंट्स हैं। इनमें से करीब म्0 स्टूडेंट्स को भ्0,000 रुपए हर साल स्कॉलरशिप मिलती थी। राशि घटकर क्भ् हजार कर दिए जाने से इन स्टूडेंट्स के हिस्से के ख्क् लाख रुपए कल्याण विभाग ने काट लिये। वहीं रांची के ख्फ् बीएड कॉलेजों में करीब ख्फ्00 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इनमें से करीब क्भ्00 को स्कॉलरशिप मिलती थी। राशि में कटौती होने से केवल रांची में पांच करोड़ ख्भ् लाख रुपए की कटौती की गई है।